नया सबेरा नेटवर्क
जौनपुर: माता-पिता के बाद बच्चों के जीवन में सबसे ज्यादा प्रभाव उसके शिक्षक का पड़ता है। बच्चा अपने शिक्षक को अपने जीवन का प्रेरणास्रोत मानता है। यही कारण है कि अच्छे शिक्षकों का उनके जीवन पर्यंत सम्मान मिलता रहता है। बदलापुर तहसील अंतर्गत महमदपुर गुलरा गांव में पैदा हुए पंडित राममहंथ पांडे ने आज 84 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर मिलते ही चारों तरफ शोक की लहर दौड़ गई। प्राथमिक शिक्षक के रूप में पंडित राममहंथ पांडे द्वारा दी गई उत्कृष्ट शिक्षा के चलते आज उनके पढ़ाए हजारों बच्चे महत्वपूर्ण पदों पर काम कर रहे हैं। सात्विक जीवन और उच्च विचार रखने वाले पंडित राममहंथ पांडे धार्मिक विषयों में गहरी जानकारी रखती थे। उनके निधन पर डॉ श्रीपाल पांडे, कृष्णदेव दुबे, सत्यनारायण तिवारी, अनिल दुबे, सुभाष दुबे, अमरनाथ तिवारी , सदापति तिवारी, शेषमणि तिवारी, एड अवधेश तिवारी, दयाराम उपाध्याय, अमरनाथ तिवारी, श्रवण तिवारी समेत अनेक क्षेत्रीय लोगों ने गहरा दुख प्रकट करते हुए उनकी आत्मा की शांति हेतु ईश्वर से प्रार्थना की। स्व.राममहंथ पांडे का अंतिम संस्कार घर के पास स्थित गोमती नदी के किनारे किया गया। उनके इकलौते पुत्र कैलाशनाथ पांडे ने मुखाग्नि दी।
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