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#JaunpurLive : डिजिटल गवर्नेंस का नया आयाम, ई-रूपी - लक्षित, पारदर्शी और लीकेज मुक्त भुगतान - दिया गया धन उसी कार्य में लगा इसकी सुनिश्चितता मिलेगी

#JaunpurLive : डिजिटल गवर्नेंस का नया आयाम, ई-रूपी - लक्षित, पारदर्शी और लीकेज मुक्त भुगतान - दिया गया धन उसी कार्य में लगा इसकी सुनिश्चितता मिलेगी


ई-रूपी डिजिटल व्यवहार से कल्याणकारी योजनाओं, सेवाओं, निजी व्यवहारों में, धन के लक्षित, पारदर्शिता, लीकेज मुक्त, भ्रष्टाचार मुक्त, की सुनिश्चितता - एड किशन भावनानी
गोंदिया - भारत बीते कुछ वर्षों से हर क्षेत्र में बुलंदियों के नए-नए आयाम हासिल कर रहा है। हालांकि बीते डेढ़ वर्ष में भारत पर कोरोना महामारी ने जबरदस्त आघात किया था परंतु भारत ने ज़ाबाजी से मुकाबला कर विकास की गति को जारी रखा। हमारी महिला खिलाड़ी ने लगातार दो ओलंपिक में दो मेडल लाकर रिकॉर्ड बनाया जिसे सांसद के दोनों सदनों ने दिनांक 2 अगस्त 2021 को बधाई भी दी,जो काबिले तारीफ है।...साथियों बात अगर हम डिजिटलाइजेशन क्षेत्र में नए नए आयाम स्थापित करने की करें तो, पूरे विश्व की नजर भारत के जबरदस्त तेजीसे विकास आयाम प्राप्त करने पर लगी है। उस आयाम रूपी माला में दिनांक 2 अगस्त 2021 को माननीय पीएम ने ई-रूपी वाउचर डिजिटल ट्रांजैक्शन को जोड़कर डिजिटलाइजेशन क्षेत्र को ऊंचाइयों की बुलंदियों पर पहुंचा दिया है।...साथियों बात अगर हम ई-रूपी वाउचर की करें तो यह एक ऐसा भुगतान वाउचर है, जिसके उपयोग से हमें यह पता चल जाएगा कि जिस उद्देश्य के लिए, सामने वाले पक्ष को सरकारी या निजी क्षेत्र से भुगतान या आर्थिक सहायता प्राप्त हुई है, उसने उसी उद्देश्य पर ही खर्च की है या नहीं। इस तरह का यह ई-रूपी वाउचर डिजिटलाइजेशन क्षेत्र में एक नया क्रांतिकारी कदम सिद्ध होगा, जिसके दूरगामी परिणाम हासिल होंगे। भुगतान लक्षित, पारदर्शी, लीकेज मुक्त, और भ्रष्टाचार विरोधी होगा। क्योंकि इस भुगतान के उपयोग की पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। इसकी सहायता से सरकारी या निजी क्षेत्र को पता चल जाएगा कि धन उसी लक्ष्यके लिए उपयोग हुआ है।...साथियों बात अगर हम 2 अगस्त 2021 को डिजिटल गवर्नेंस के इसनए आयाम ई-रूपी से, देश में डिजिटल ट्रांजैक्शन को, डीपीटी को और प्रभावी बनाने में बड़ी भूमिका निभाने वाले उपक्रम को देश को समर्पित करने के क्षण की करें तोपीआईबी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार पीएम की अध्यक्षता में देशभर से सभी राज्‍यपाल महोदय, लेफ्टिनेंट गवर्नर्स, केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्य, रिजर्व बैंक के गवर्नर, राज्यों के मुख्य सचिव, अलग अलग औद्योगिक संगठन से जुड़े, स्टार्ट अप,फाइन टेक  दुनिया से जुड़े युवा , बैंकों के वरिष्ठ अधिकारीगण शामिल थे। पीएम ने कहा ई-रूपी से वेलफेयर सर्विस की लीक-प्रूफ डिलीवरी सुनिश्चित करने की दिशा में यह एक क्रांतिकारी पहल है। इसका इस्तेमाल आयुष्मान भारत पीएम जन आरोग्य योजना, उर्वरक सब्सिडी आदि जैसी योजनाओं के तहत मातृ एवं बाल कल्याण योजनाओं, टीबी उन्मूलन कार्यक्रमों दवाओं और निदान के तहत दवाएं और पोषण सहायता प्रदान करने के लिए योजनाओं के तहत सेवाएं देने के लिए भी किया जा सकता है। यहां तक किप्राइवेट सेक्टर भी अपने कर्मचारी कल्याण और कॉर्पोरेट सामाजिकजिम्मेदारी कार्यक्रमों के हिस्से के रूप में इन डिजिटल वाउचर का फायदा उठा सकते हैं। ई-रुपी को आर्थिक रूप से सक्षम लोग किसी गरीब के लिए जारी कर सकेंगे और उसके वैक्सिनेशन का खर्च उठा सकेंगे। इस नॉन ट्रांसफरेबल इलेक्ट्रॉनिक वाउचर का इस्तेमाल वही लाभार्थी कर सकेगा, जिसके लिए इसे जारी किया गया है। पीएम ने बताया कि इससे सुनिश्चित होगा कि उसके द्वारा दिया गया धन, उसी काम में लगा है, जिसके लिए वो राशि दी गई है। ई-रूपी, एक तरह से व्यक्ति के साथ-साथ निर्धारित उद्देश्य भी है। जिस मकसद से कोई मदद या कोई बेनिफिट दिया जा रहा है, वो उसी के लिए प्रयोग होगा, ये ई-रूपी सुनिश्चित करने वाला है। सरकार ही नहीं, अगर कोई सामान्य संस्था या संगठन किसी के इलाज में, किसी की पढाई में या दूसरे काम के लिए कोई मदद करना चाहताहै तो, वो कैशके बजाय ई-रूपी दे पाएगा। इससे सुनिश्चित होगा कि उसके द्वारा दिया गया धन, उसी काम में लगा है, जिसके लिए वो राशि दी गई है। अभी शुरुआती चरण में ये योजना देश के हेल्थ सेक्टर से जुड़े बेनिफिट्स पर लागू की जा रही है। कोई अब अगर चाहेगा कि वो वृद्धाश्रम में 20 नए बेड लगवाना चाहता है, कोई किसी क्षेत्र में 50 गरीबों के लिए भोजन की व्यवस्था करना चाहता है, या कोई गौशाला में चारे की व्यवस्था करना चाहता है, तो ई-रूपी वाउचर उसकी भी मदद करेगा। क्योंकि खर्च उसी उद्देश्य के लिए किया गया है यह इस वाउचर से पता चल जाएगा। इसे अब अगर राष्ट्रीय परिपेक्ष्य में देखें तो, अगर सरकार द्वारा किताबों के लिए पैसा भेजा गया है, तो ई-रूपीये सुनिश्चित करेगा कि किताबें ही खरीदी जाएं। अगर यूनिफॉर्म के लिए पैसा भेजा है, तो उससे यूनिफॉर्म ही खरीदी जाए। अगर सब्सिडाइज्ड खाद के लिए मदद दी है, तो वो खाद खरीदने के ही काम आए। गर्भवती महिलाओं के लिए दिए गए कैश से सिर्फ पोषक आहार ही खरीदा जा सके। यानि पैसा देने के बाद, हम उसका जो इस्तेमाल चाहते हैं, ई-रूपी वाउचर उसे सिद्ध करेगा।ई-रुपी वाउचर से लक्षित, पारदर्शी और लीकेज मुक्‍त वितरण में सभी को बड़ी मदद मिलेगी। ई-रुपी वाउचर ‘डीबीटी’ को और भी अधिक प्रभावकारी बनाने में बड़ी भूमिका निभाएगा एवं डिजिटल गवर्नेंस को एक नया आयाम देगा। हम प्रौद्योगिकी को गरीबों की मदद करने के एक साधन, उनकी प्रगति के एक साधन के रूप में देखते हैं। भारत नवाचार, प्रौद्योगिकी के उपयोग और सेवाएं मुहैया कराने में दुनिया के बड़े देशों के साथ मिलकर वैश्विक नेतृत्व प्रदान करने की क्षमता रखता है। देश में डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल ट्रांजैक्शन के लिए पिछले 6-7 वर्षों में हुए उत्‍कृष्‍ट काम का लोहा आज दुनिया मान रही है।पीएम ने कहा ई-रूपी वाउचर भी सफलता के नए अध्याय लिखेगा। इसमें हमारे बैंकों और दूसरे पेमेंट गेटवे का बहुत बड़ा रोल है। हमारे सैकड़ों प्राइवेट अस्पतालों, कॉर्पोरेट्स, उद्योगजगत, एनजीओस और दूसरे संस्थानों ने भी इसको लेकर बहुत रुचि दिखाई है। राज्य सरकारों से भी पीएम नेआग्रह किया कि अपनी योजनाओं का सटीक और संपूर्ण लाभ सुनिश्चित करने के लिए ई-रूपी का अधिक से अधिक उपयोग करें और सभी की ऐसी ही सार्थक साझेदारी एकईमानदार और पारदर्शी व्यवस्था के निर्माण को और गति देगी।...साथियों बात अगर हम ई-रूपी वाउचर के उपयोग की करें तो, ई-रुपी डिजिटल भुगतान के लिए एक कैशलेस और कॉन्टैक्टलेस साधन है। यह एक क्यूआर कोड या एसएमएस स्ट्रिंग-आधारित ई-वाउचर है, जिसे लाभार्थियों के मोबाइल पर पहुंचाया जाता है। इस निर्बाध वन टाइम पेमेंट मैकेनिज्म के यूजर्स,सेवा प्रदाता सेंटर पर कार्ड, डिजिटल भुगतान ऐप या इंटरनेट बैंकिंग एक्सेस किए बिना वाउचर को भुनाने में सक्षम होंगे। अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करेंगे तो हम पाएंगे के डिजिटल गवर्नेंस का ई-रूपी नया आयाम साबित होगा। इससे लक्षित,पारदर्शी और लीकेज मुक्त भुगतान तथा दिया गया धन उसी कार्य में लगा है इसकी सुनिश्चितता मिलेगी। ई-रूपी डिजिटल व्यवहार से कल्याणकारी योजनाओं, सेवाओं, निजी व्यवहारों में धन लक्षित पारदर्शिता, लीकेज मुक्त, भ्रष्टाचार मुक्त का विश्वास और निश्चितता होगी।
संकलनकर्ता-कर विशेषज्ञ एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र

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