वैक्सीनेशन के लिए स्कूलों के टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ को फ्रंटलाइन वर्कर की कैटेगरी में शामिल करना समय की मांग | #NayaSaberaNetwork



वैक्सीनेशन में जांबाज़ी से सेवा और अब स्कूल खुलने पर टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ की जिम्मेदारी बढ़ी - एड किशन भावनानी
नया सबेरा नेटवर्क
गोंदिया - भारत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर पर हर भारतवासी के सहयोग, फ्रंटलाइन वर्कर की ज़बाजी और शासन प्रशासन के रणनीतिक रोडमैप योजनाओं व उच्च नियंत्रण व निर्णय क्षमता के सहयोग से महामारी पर नियंत्रण करने में सफलता मिल रही है। फिर भी कुछ राज्यों में महामारी फैली हुई है, परंतु नियंत्रण में है फिर भी हमें यह नहीं समझना चाहिए किदूसरी लहर समाप्त हो गई है। वैक्सीनेशन अभियान में जोरदार जवाबदारी और जिम्मेदारी में सहयोग और कोविड-19 आचार संहिता का पालन, अनलॉक स्थिति में भी अनिवार्य से हम सब को करना है।...साथियों बात अगर हम वैक्सीनेशन अभियान की करें तो भारत में तीव्रता से पूर्णगति से अभियान चल रहा है इस अभियान में हमारे फ्रंटलाइन वर्कर के साथ-साथ स्कूलों के टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ का भी महत्व और जिम्मेदारी बढ़ गई है क्योंकि उनका वैक्सीनेशन अभियान में जाबांजी से सहयोग मेहनत हम अपने अपने क्षेत्रों में देख रहे हैं। वहीं अब स्कूल शुरू हो गए हैं वहां भी कोविड-19 आचार संहिता का पालन कराना, बच्चों को शिक्षा देना, बच्चों को कोविड-19 आचार संहिता के नियमों को समझाना इत्यादि अनेक जिम्मेदारियों को निभाना है।इस महत्वपूर्ण सेवा को हम कोरोनावरियर्स की श्रेणी में देख सकते हैं और पिछले कुछ समय से यह मांग अनेक क्षेत्रों से उठ भी रही है क्योंकि अभी जिंन राज्यों क्षेत्रों में जैसे केरल, कर्नाटक महाराष्ट्र, तमिलनाडु इत्यादि राज्यों में महामारी अधिक पर नियंत्रण में है। लेकिन इन राज्यों में स्कूल सहित अनेक अन्य क्षेत्रों में अनलॉक किए गए हैं और वैक्सीनेशन अभियान भी सरकारी स्कूलों में जोरों से चलाया जा रहा है यहीं से स्कूल टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ का कार्य फ्रंटलाइन वर्कर्स के परिपेक्ष में आ जाता है।...साथियों बात अगर हम दिनांक 3 अगस्त 2021 के कर्नाटक हाईकोर्ट के जजमेंट की करें तो इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के अनुसार दो जजों की बेंच ने केस क्रमांक डब्लू पी/ 2366/2021 राधा बनाम कर्नाटक राज्य में बेंच ने भी राज्य सरकार को सुझाव दिया है कि वह स्कूलों के टीचिंग और नॉन टीचिंग वर्कर को कोविड-19 वैक्सीनेशन के लिए फ्रंटलाइन वर्कर की कैटेगरी में शामिल किया जा सकता है और राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह सुनवाई की अगली तारीख 12 अगस्त 2021 तक वैक्सीनेशन के पात्र सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ के जिलेवार ब्योरे को रिकॉर्ड में रखे...साथियों बात अगर हम कोरोनावरियर्स को सुविधा की करें तो वित्त मंत्री ने पिछले साल कोरोना से जंग लड़ रही आशा कार्यकर्ताओं, स्वच्छता कर्मचारियों, मेडिकल और पैरा - मेडिकल स्टाफ के लिए 50 लाख रुपये के बीमा कवर का ऐलान किया जाता है।इसका फायदा 20 लाख मेडिकल स्टाफ औरकोरोना वॉरियर्स को मिला था इसकी समय सीमा 20 अप्रैल 2021 थी।सरकार ने कोरोना वायरस महामारी से लड़ाई लड़ रहे हेल्थकेयर वर्कर्स को राहत प्रदान की है।सरकार ने हेल्थकेयर वर्कर्स के लिए बीमा योजना को एक साल के लिए बढ़ा दिया है...। साथियों बात अगर हम फ्रंटलाइन वर्कर की करें तो वर्तमान में करोना संकट के समय देखने को मिलता हैI आज डॉक्टर, पुलिसकर्मी तथा सफाई कर्मी भी कोरोना वॉरियर्स के रूप में सम्मानित हैI उनकी मेहनत तथा कोरोना से आमना-सामना होने की उनकी हिम्मत तथा मानवता को बचाने का प्रयास उन्हें प्रशंसा की गरिमा प्रदान करता है परंतु हम देखें तो, विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्य संतोष और साहस के साथ काम करने वाला शिक्षक या शिक्षिका भी एक सच्चा योद्धा है, क्यों कि शिक्षक का कार्य भी कम नहीं हैI करोना के संकट के समय शिक्षकों ने एक ऐसी विधा को अपना कर राष्ट्र के भविष्य, बच्चों को शिक्षित करने का बीड़ा उठाया, जिस विधा की उन्हें समुचित जानकारी भी नहीं थी। आज चारों तरफ ऑनलाइन क्लासेज चर्चा में हैं, इन्हीं केकारण बच्चे अपनी शिक्षा अबाद गति से जारी रखे हुए हैंI परंतु इन ऑनलाइन शिक्षकों के पीछे शिक्षक की कड़ी मेहनत संभवत किसी को दिखाई नहीं देती। शिक्षक ने अल्पकाल में न केवल मोबाइल, कंप्यूटर के प्रत्येक कार्य की जानकारी ली तथा उन सब विधियों को खोज निकाला जिनके द्वारा दूर अपने घर में बैठे हुए बालक को शिक्षा प्रदान की जा सकती है। पुराने शिक्षक तो कंप्यूटर से अनभिज्ञ ही थे परंतु इस संकट के समय में किसी भी शिक्षक ने कोई बहानेबाजी नहीं की तथा जैसे तैसे करके ऑनलाइन क्लास में प्रवीणता प्राप्त कर ली।अतःअगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे के वैक्सीनेशन में शामिल टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ को फ्रंट लाइन वर्कर की कैटेगरी में शामिल करना समय की मांग है और वैक्सीनेशन में जांबाज़ी से सेवा और अब स्कूल खुलने पर टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ की जिम्मेदारी भी बड़ी है और प्राचीन काल से भी गुरु के महत्व को इस  श्लोक के द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है।

गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु 
गुरु देवो महेश्वर, 
गुरु साक्षात परम ब्रह्मा 
तस्मै श्री गुरुवे नमः

-संकलनकर्ता- पर विशेषज्ञ एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र

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