नया सबेरा नेटवर्क
उत्तर कोरियाई तानाशाह किम जोंग उन के लगातार मिसाइल परीक्षण के बीच दक्षिण कोरिया ने अपनी किलर पनडुब्बी से बलिस्टिक मिसाइल दागकर करारा जवाब दिया है। दक्षिण कोरिया अब दुनिया का ऐसा 7वां देश बन गया है जिसके पास यह बेजोड़ क्षमता है। इस परीक्षण के अहमियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि खुद दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेई इन भी टेस्ट को देखने के लिए वहां मौजूद थे। इससे पहले उत्तर कोरिया के सनकी तानाशाह किम जोंग उन ने दो मिसाइलों का परीक्षण करके माहौल को गरम कर दिया था।
दक्षिण कोरिया ने एक बयान जारी करके कहा है कि उसने पानी के भीतर प्रक्षेपित अपने पहले मिसाइल का परीक्षण किया है। दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेई इन के कार्यालय ने एक बयान में कहा कि मून ने देश में निर्मित पनडुब्बी प्रक्षेपित बैलिस्टिक मिसाइल का बुधवार दोपहर को किए गए परीक्षण को देखा। उसने कहा कि मिसाइल को 3,000 टन श्रेणी की पनडुब्बी से प्रक्षेपित मिसाइल ने निर्धारित लक्ष्य पर पहुंचने से पहले पूर्व में निर्धारित की गई दूरी को तय किया।
उत्तर कोरिया ने अपने पूर्वी तट पर एक दो बैलिस्टिक मिसाइलें दागी
इस घोषणा से पहले दक्षिण कोरिया ने बुधवार सुबह उत्तर कोरिया की तरफ से दो बैलिस्टिक मिसाइलों के प्रक्षेपण का पता लगाया था। दक्षिण कोरिया की सेना ने बुधवार को कहा कि उत्तर कोरिया ने अपने पूर्वी तट पर एक दो बैलिस्टिक मिसाइलें दागी। इससे दो दिन पहले उत्तर कोरिया ने छह महीनों में पहली बार एक नयी मिसाइल का परीक्षण करने का दावा किया था।
दक्षिण कोरिया के ‘ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ’ ने एक बयान में कहा कि मध्य उत्तर कोरिया में एक स्थान से दागी गयीं दो बैलिस्टिक मिसाइलें बुधवार दोपहर को कोरियाई प्रायद्वीप के पूर्वी तट पर समुद्र की ओर गयीं। बयान में कहा गया है कि दक्षिण कोरिया और अमेरिका के खुफिया प्राधिकारी उत्तर कोरिया के प्रक्षेपणों के बारे में और अधिक जानकारियां जुटा रहे हैं। इसमें कहा गया है कि दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरियाई विरोधी निगरानी व्यवस्था को मजबूत कर दिया है।
प्रक्षेपण फिर से शुरू करने का मकसद बाइडन पर दबाव बनाना
जापान के तटरक्षक बल ने पुष्टि की कि दोनों मिसाइलें जापान और कोरियाई प्रायद्वीप के बीच समुद्र में गिरीं। किसी भी जहाज या विमान को नुकसान पहुंचने की खबर नहीं है। उत्तर कोरिया द्वारा मिसाइलों का प्रक्षेपण फिर से शुरू करने का मकसद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन पर परमाणु वार्ता को लेकर दबाव बनाना हो सकता है।
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