नया सबेरा नेटवर्क
सिरकोनी,जौनपुर। स्थानीय विकास खंड के गोपीपुर गांव की ऐतिहासिक बुढ़वा बाबा रामलीला 174 साल पुरानी रामलीला है। इस ऐतिहासिक रामलीला का समस्त किरदार गांव के लोग ही निभाते हैं। जो लोग बाहर महानगरों में नौकरी करते हैं चाहे सरकारी या प्राइवेट वे सभी रामलीला के किरदार अदा करने के लिए समय पर उपस्थित हो जाते हैं। रामलीला समिति के अध्यक्ष प्रधान आरती अखिलेंद्र सिंह, प्रबंधक संतोष सिंह दादा व उप प्रबंधक अमित सिंह जुगनू ने बताया कि सन 1844 में गांव में भारी सूखा पड़ा लोग खेती को लेकर बहुत चिंतित थे उसी गांव के दक्षिण दिशा में हनुमान के कड़ी पर एक महात्मा रघुनाथ दास उर्फ बुढ़वा बाबा के पास गांव के लोग गए। उन्होंने कहा कि आप सभी लोग यदि राम के चरित्र की लीला करें तो संभव है कि वर्षा होगी महात्मा की बात को लोगों ने मानकर रामलीला करने का निश्चय किया। धूमधाम से लोगों ने दशमी मनाई फिर क्या था दूसरे दिन एक छोटा सा बादल ऐसा बरसा कि सारा इलाका जलमग्न हो गया। तभी से लोग रामलीला का आयोजन करते चले आ रहे हैं। पहले यह रामलीला कई स्थानों पर बगीचे-बगीचे में होती थी जो 83 वर्षों तक चली। 1927 ईस्वी में अस्थाई मंच पर रामलीला शुरू हुई जो आज तक चली आ रही है । संरक्षक रविंद्र बहादुर सिंह पप्पू,चेत नारायण सिंह, भोले सिंह, छोटेलाल सिंह मास्टर, जयनाथ सिंह, हीरालाल गुप्ता,मनोज सिंह, पूर्व प्रधान,फौजदार सिंह,शिव शंकर सिंह बचानू, सतपाल सत्तू, विपिन सिंह,मिथलेश सिंह व बच्चा सिंह हैं। रामलीला के डॉयरेक्टर मनोज सिंह पप्पू महाजन व उप डायरेक्टर सूर्यभान सिंह ने बताया कि इस वर्ष रामलीला का मंचन 20 अक्टूबर शरद पूर्णिमा के दिन बुधवार को शुरू होगा और 25 अक्टूबर को विजयदशमी मनाया जाएगा।
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