नया सबेरा नेटवर्क
चौकियां धाम, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र में स्थित शीतला चौकियां धाम में चल रहे श्रीराम कथा के दूसरे दिन वाराणसी से पधारे मानस कोविद डा. मदन मोहन मिश्र ने बताया कि विश्व कल्याण के लिए ही राजा दशरथ के यहां जाकर विश्वामित्र जी ने राम-लक्ष्मण को अपने साथ लेकर यज्ञ की रक्षा करने के लिए साथ लेकर चल दिए। ऋषि-मुनियों धर्म की रक्षा करने के लिए भगवान नारायण ने नर रूप में अवतार लिया था। 14 वर्ष वन गमन के दौरान राक्षसों का वध किया। अपने भक्तों को निजधाम भेजे जिससे त्रेता युग में अवतार लिए श्रीराम समस्त राक्षस जाति का संहार कर धर्म की स्थापना किये। त्रेता युग में शत्रुघ्न ब्रम्हा स्वरूप है। लक्ष्मण महादेव व परब्रम्ह स्वयं श्रीराम चन्द्र है। जनपद के ही मल्हनी से पधारे कथा वाचक अखिलेश चन्द्र पाठक ने बताया कि बैकुंठ धाम में शयन पर लेटे भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी जी से कहते हैं कि हो सकता है मैं बैकुंठ धाम में न मिलूं। कहीं न मिलूं तो समझ लेना कि मैं किसी भक्त की भक्ति से वश में हो गया हूं। जो भक्त हमारा भजन-कीर्तन करते हैं, दीन-दुखियों की सेवा रक्षा करते हैं, नाम जप करते हैं, मैं उनकी भक्ति के वश में होकर उनके हृदय में बस जाता हूं। ऐसे भक्त के हृदय में मेरा निवास हो जाता है। गीता, भागवत, रामायण, उपनिषद ग्रंथ मानव जीवन के लिए कल्याणकारी है। इस मौके पर त्रिजुगी नाथ त्रिपाठी, हनुमान त्रिपाठी, गुड्डू त्रिपाठी, मदन गुप्ता, योगेश तिवारी, अनिल साहू, दीपक राय, अशोक गुप्ता, प्रवीण समेत तमाम लोग उपस्थित रहे।
Ad |
from Naya Sabera | नया सबेरा - No.1 Hindi News Portal Of Jaunpur (U.P.) https://ift.tt/2Zs96hg
0 Comments