नया सबेरा नेटवर्क
मड़ियाहूं के घनी आबादी मोहल्ले में चल रही थी अवैध पटाखा फैक्ट्री
विस्फोट से मकान की छत उड़ी, आसपास के मकानों पर भी दिखा असर
फायर ब्रिागेड ने नागरिकों के सहयोग से मलबे से लोगों को निकाला बाहर, चल रहा है इलाज
मड़ियाहूं,जौनपुर। स्थानीय नगर के भंडरिया टोला पाही मोहल्ले में शनिवार की शाम घनी आबादी के बीचोबीच स्थित एक घर से पुलिस की शह पर संचालित हो रही अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट हो जाने से उक्त घर की छत उड़ गई। विस्फोट के चलते घर मे रहने वाले बच्चों, महिलाओं समेत आधा दर्जन लोग गम्भीर रूप से घायल हो गये। जिसमें दो लोगों की हालत गंभीर होने पर जिला अस्पताल भेज दिया गया है जिनका इलाज किया जा रहा है। पूरे मामले की डीएम मनीष कुमार वर्मा ने जांच के आदेश दे दिये हैं। विस्फोट इतना जबरदस्त था कि उसके धमाके से आसपास के मकानों में दरारें पड़ गयी व कुछ के छतों की बाउंड्री वाल गिर गयी। घटना की सूचना पाकर फायर बिग्रेड के जवान मौके पर पहुंच कर आग बुझाने में लगे रहे। घटना के संबंध में बताया जाता है कि उक्त मोहल्ला निवासी मुस्ताक अपने घर में वर्षों से अवैध तरीके से पटाखा बनाने व बेचने का कार्य करता रहा है। अगले हफ्ते दिपावली होने के चलते पूरा परिवार पटाखे बनाने में लगा था। शनिवार की शाम संदिग्ध परिस्थितियों में पटाखों में आग लग गई जिसके चलते भीषण विस्फोट हो गया और उस मकान का छत उड़ गया। मकान के मलबे में दब कर परिवार के आधा दर्जन से अधिक लोग गम्भीर रूप से घायल हो गये। जिसमें मुस्ताक 52, कल्लू 40, गुड़यिा, एजाज 13 समेत दो छोटे बच्चे गम्भीर रूप से घायल हो गये जिन्हे एंबुलेंस द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया वहां से बेहतर इलाज हेतु जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया। उक्त घटना से मोहल्ले में हड़कंप मच गया। घटना के घंटों बाद तक उक्त मकान से धमाके की आवाज आती रही। मौके पर पहुंचे फायर बिग्रेड के जवान घंटों मशक्कत कर आग बुझाने में लगे रहे। देर शाम तक उक्त मकान के मलबे को हटाया नहीं जा सका जिसके नीचे दो तीन लोगो के और दबे होने की आशंका जताई जा रही है। घटना की सूचना पाकर मौके पर उप जिलाधिकारी अर्चना ओझा, क्षेत्राधिकारी एसपी उपाध्याय, प्रभारी निरीक्षक अशेषनाथ सिंह, तहसीलदार अमित त्रिपाठी समेत पूरा प्रशासनिक अमला मौजूद रहा।
2009 में हुए विस्फोट में पांच की गई थी जान
मडि़याहूं,जौनपुर। स्थानीय नगर के मिरदहा मोहल्ले में 2009 में पटाखा बनाने वाले लल्ला के मकान में जो घनी आबादी में था उसी में विस्फोट हुआ था जिसमें लगभग 4 या 5 लोगों की मौके पर ही मौत हुई थी उस वक्त प्रशासन काफी हरकत में आया था लेकिन प्रशासन की उदासीनता के कारण आज मडि़याहूं में दूसरे पटाखा फैक्ट्री में आग लगने से यह साबित होता है कि प्रशासन पूरी तरह उदासीन बना हुआ है।
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