नया सबेरा नेटवर्क
विजयादशमी!
काम,क्रोध,मद,लोभ मिटाने का,
नाम है विजयादशमी।
आसुरी वृत्तियों के नाश का
नाम है विजयादशमी।
जड़ता मिटाकर हम करते हैं,
चेतना का संचार।
बुराई पर अच्छाई की जीत का,
नाम है विजयादशमी।
चंद नोटों पर न कभी भी तू,
अपनी जमीर बेचो।
राम के चरित्र को उतारने का,
नाम है विजयादशमी।
तृप्त न होता मन कभी भी,
विषय -वासनाओं से।
त्याग,तपस्या की राह चलने का,
नाम है विजयादशमी।
लोक,लाज-हया,शर्म यही है,
इंसान का आभूषण।
नारी का सम्मान करने का,
नाम है विजयादशमी।
सरे राह किसी औरत की अस्मत,
अब नीलम न हो।
राम का आदर्श अपनाने का,
नाम है विजयादशमी।
सजाओ दुल्हन -सी धरा,
काटो न कोई दरख्त।
पर्यावरण में निखार लाने का,
नाम है विजयादशमी।
अपने अंदर छिपे उस रावण को,
आज जला डालो।
एक सूत्र में विश्व को जोड़ने का,
नाम है विजयादशमी।
रामकेश एम.यादव(कवि,साहित्यकार),मुंबई
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