नया सबेरा नेटवर्क
मुंबई। साहित्यिक,सांस्कृतिक, सामाजिक संस्था काव्यांजलि एक अनूठा आरंभ "विश्व मंच" के तत्वाधान में शनिवार दिनांक 9 अक्टूबर 2021 को संस्थापक सुप्रसिद्ध साहित्यकार दीपक शुक्ल चिराग के आयोजन में शारदीय नवरात्र के पावन पर्व पर राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता पाटलिपुत्र के वरिष्ठ साहित्यकार डॉक्टर रत्नेश्वर सिंह ने की तथा मुख्य अतिथि के रूप में हरिद्वार उत्तराखंड से वरिष्ठ साहित्यकार गीतकार भूदत्त शर्मा उपस्थित थे। राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का सूत्र संचालन ठाणे-मुंबई, महाराष्ट्र के वरिष्ठ साहित्यकार,कवि, पत्रकार विनय शर्मा दीप ने मां सरस्वती की वंदना अपनी पसंदीदा विधा सवैया से की------
माई सरस्वती बार हजार,गुहार तुहार लगावत बानी।
प्यार क भूखल बा लइका,तइका से दरस जगावत बानी।।
इसी तरह मंच पर उपस्थित सभी साहित्यकारों द्वारा मनमोहक,सुमधुर गीतों का बौछार हुआ जिसका रसास्वादन पटल पर उपस्थित श्रोताओं,साहित्यकारों ने किया और सराहा। कवियों द्वारा प्रस्तुत गीतों की चंद पंक्तियां कुछ इस तरह से रही।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉक्टर रत्नेश्वर सिंह ने मां की महिमा का गुणगान करते हुए कहा----
मां का आंचल पकड़ बेटा जब रोता है, मां कहती है वह देखो चंदा मामा वो मामा नहीं है रोटी जैसा दिखता है।
दूसरे कवि के रूप में रायबरेली से गीतकार राजकरण सिंह ने खूबसूरत गीत से मन मोह लिया----
करते वंदन नमन कीर्तन व भजन नेहचरणों में मैया लगाये हैं हम।
आजा ममतामई तेरे सरकार में मन का मंदिर जतन से सजाये हैं हम।।
उत्तराखंड हरिद्वार से उपस्थित वरिष्ठ साहित्यकार एवं गीतकार भूदत्त शर्मा ने सभी को मदमस्त कर दिया-----
अब अश्रु बहाना बंद करो, हंसने की बारी, हो जाए ।
सागर तो खारे हैं बिल्कुल, नदिया ना खारी हो जाए ।।
मंच के संस्थापक कवि दीपक शुक्ल चिराग की पंक्तियां भी कम नहीं थी----
भाव सीमित हुए,अर्थ विस्तृत हुआ
लोक कल्याण अब तो है विस्मृत हुआ..
भाव से चाव से लिखते तुलसी रहे
आज मंचों पे पल पल तिरस्कृत हुआ।।
इसी तरह अंत में सुप्रसिद्ध गीतकार रचनाकार कुशल मंच संचालक हरी नाथ शुक्ला (सुल्तानपुर) ने भी खूब कहा---
वक्त की पुकार पर,सर आए भार पर।
मन मार धैर्य हिय धरती हैं बेटियां।।
अंत में राष्ट्रीय कवि सम्मेलन के संयोजक चिराग ने उपस्थित सभी कवियों का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद दिया। संस्था अध्यक्ष अंजनी कुमार द्विवेदी एवं सह संस्थापक सुरेश फौजदार जिगर के साथ उपस्थित साहित्यकारों को सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया तत्पश्चात कवि सम्मेलन के समापन की घोषणा की।
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