नया सबेरा नेटवर्क
ग्रामीणों ने बदहाल शहीद स्तम्भ की स्वतः की साफ-सफाई
चन्दवक, जौनपुर। कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तबियत से उछालो तो यारों... उक्त पंक्तियां तेजस टूडे की बीते 24 नवम्बर की खबर ‘शूरवीरों के बलिदान को भूला देश, कूड़े के ढ़ेर में तब्दील हुआ शहीद स्तम्भ’ पर सटीक बैठती है। खबर का उद्देश्य था कि जिला प्रशासन एवं जनप्रतिनिधि संज्ञान ले और शहीदों का अपमान न हो पाए। जिला प्रशासन व जनप्रतिनिधि के कान पर जूं नहीं रेंगी लेकिन स्थानीय ग्रामीणों ने खबर को संज्ञान में लेकर स्वतः ही साफ-सफाई का जिम्मा उठाया और तेजस टूडे खबर का मकसद सफल हुआ। बताते चलें कि विकास खण्ड मुफ्तीगंज बाजार स्थिति गांधी चौतरा के समीप बने शहीद स्तम्भ कूड़े के ढेर में तब्दील होने की खबर को पढ़कर अपनी नैतिक जिम्मेदारी को समझते हुए गांव निवासी विकास पाठक ने कुछ लोगों विनोद शर्मा, दीना सरोज, चिंतामणि चौहान, रविशंकर सरोज, विशाल पाठक, मनोज शर्मा, महेंद्र बनवासी, प्रदुम्न सरोज आदि के साथ मिलकर कूड़े में तब्दील शहीद स्तम्भ की साफ सफाई की। इस बाबत पूछे जाने पर विकास पाठक ने बताया कि मेरे परदादा की याद में शहीद स्तम्भ बनाया गया जो पूरी से तरह कूड़े में तब्दील हो चुका था। कई बार जिम्मेदार अधिकारियों से स्तम्भ की साफ-सफाई को लेकर गुहार लगाकर निराश हो गए थे कि तभी 24 तारीख को तेजस टूडे की खबर देखकर स्वतः ही बदलाव का वीणा उठाया। मन में संकल्प लिया कि हम लोग प्रशासन का इंतजार करने के बजाय खुद ही कूड़े में तब्दील शहीद स्तम्भ की साफ सफाई करेंगे और रविवार की सुबह शहीद स्तम्भ पर आकर कुछ लोगों के साथ साफ सफाई करने लगे। विकास पाठक ने मीडिया के माध्यम से कहा कि वे जिलाधिकारी व सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग करते हैं कि शहीदों व उनके स्तम्भों/स्मारकों के प्रति विशेष ध्यान दें, ताकि भविष्य में देश पर मर मिटने वाले शहीदों का अपमान न हो पाए। शहीद स्तम्भों ध्स्मारकों के सौन्दर्यीकरण का जल्द से जल्द कराया जाय जिससे शहीदों को उचित सम्मान मिल सके।
टेलिफोनिक सूचना के बावजूद भी जिलाधिकारी बने रहे उदासीन
आश्चर्य की बात तो यह है कि तेजस टूडे के प्रतिनिधि ने 24 नवम्बर को खबर प्रकाशित होने के बाद 25 नवम्बर को स्वतः एक जिम्मेदार नागरिक व पत्रकार होने के नाते जिलाधिकारी को उनके सीयूजी नम्बर 9454417578 पर वार्ता कर शहीदों के शहादत के हो रहे अपमान से अवगत कराते हुए निवेदन किया कि कृपया मामले को संज्ञान में लेने की कृपा करें, क्योंकि मामला शहीदों के सम्मान का है। बावजूद इसके जिलाधिकारी की उदासीनता दुर्भाग्यपूर्ण रही। फिलहाल अब सबसे बड़ा सवाल कि क्या सिर्फ शहादत दिवस, स्वतंत्रता दिवस व गणतंत्र दिवस पर ही शहीद स्तम्भों पर फूल माला चढ़ाकर बड़ी-बड़ी बातें करना ही शहीदों की सच्ची श्रद्धांजलि होती हैं? क्या आजाद भारत मे शहीदो का इसी तरह से अपमानित होना पड़ेगा एक विचारणीय योग्य बात है।
from Naya Sabera | नया सबेरा - No.1 Hindi News Portal Of Jaunpur (U.P.) https://ift.tt/3I3M1Dq
Tags
recent