नया सबेरा नेटवर्क
कविता
कोविड-19 महामारी के मद्देनजर हमारी
जीवनशैली के पुनर्मूल्यांकन की ज़रूरत है
कोविड-19 ने के बाद विश्व के सामने
व्यवस्थाओं को पटरी पर लाने की चुनौतियां है
हमें अपने जीवन के तनाव घटाने
सुखी और प्रसन्न बनाने का मार्ग खोज़ना है
कोविड-19 के बाद की दुनिया में हमें
मानवता के लिए बेहतर ज़गह बनाना है
विपत्ति काल में जो हमने मुगत कर सीख़ा
उनसे नए सबक और सुरक्षा दृष्टि उठाना है
एक ऐसी अपनी दुनिया बनाना है
जहां सब को एक दूसरे का साथ निभाना है
भविष्य में हमें सतर्कता से ध्यान देना है
जलवायु परिवर्तन दुष्परिणाम की संभावना है
प्रकृति के साथ सामंजस बनाना है
जीवन जीने की कला में खुद को ढालना है
-लेखक- कर विशेषज्ञ, साहित्यकार, कानूनी लेखक, चिंतक, कवि, एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
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