नया सबेरा नेटवर्क
पीपल बना श्रीराम तो जानकी बनी गूलर
खुटहन,जौनपुर। महमदपुर गुलरा गाँव में बीते 1 दिसंबर को दिवंगत हुए पत्रकार प्रमोद पांडेय के चाचा दिनेश दत्त पांडेय के घर मंगलवार को पहुँचें अयोध्या के तपस्वी की छावनी के मठाधी·ार जगदगुरु परमहंस आचार्य ने शोक संतप्त परिवार को जीवन मरण के रहस्यों को समझाकर ढांढस बंधाया। उसके बाद उन्होंने राम विवाह के पवित्र धार्मिक पर्व पर गाँव मे ही स्थित गुलरे·ार महादेव मंदिर के प्रांगण में पहुँच गए। जहाँ भगवान राम का स्वरूप मानकर पीपल और देवी सीता के स्वरूप मे गूलर के बृक्ष का मंत्रोच्चार के साथ पाणिग्रहण कराकर उनका रोपण किया। जगदगुरु ने कहा कि दुख हमेशा अच्छे कार्य करने को प्रेरित करता है। जबकि सुख भोग विलास की ओर ले जाता है। इसलिए दु:ख से घबराना और सुख पर घमंड नहीं करना चाहिए। जीवन की असली गति मृत्यु ही है। जिसे गृहस्थ में मृत्यु मानते हैं, वही संन्यास में मुक्ति कहा जाता है। जो अटल सत्य है उससे घबराने, डरने या दुखी होने से क्या फायदा। उन्होंने कहा कि सत्कर्म की राह पर सदैव चलते रहिए। इसी एक सूत्र पर ही जीवन का मोक्ष टिका हुआ है। महराज ने दोनों वृक्षो का पाणिग्रहण कराते हुए कहा कि आज भगवान राम के विवाह का पवित्र तिथि है। सनातन धर्म वृक्ष में देवी और देवता वास मानता रहा है। आज इसे विज्ञान भी साबित कर बता रहा है कि बगैर बृक्ष के पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं है। इस लिए हमें हर शुभ या अशुभ सभी अवसरों पर उसकी दीर्घकाल तक स्मृति बनाए रखने के लिए वृक्ष अवश्य लगाना चाहिए। इससे जहाँ प्रकृति का श्रृंगार बढ़ेगा वही हमें नि:शुल्क शुद्ध ऑक्सीजन भी मिलेगी। इस मौके पर श्रीपाल पांडेय, राम अनंद पांडेय, अमरनाथ तिवारी, रायसाहब सिंह, संजय सिंह, श्रीप्रकाश पाण्डेय, जग्गू सिंह, मुरली यादव, अमरनाथ गौतम, लालमनि नाविक, पंडित परमानंद तिवारी, पंडित उमेश दूबे, त्रिलोकीनाथ पांडेय आदि मौजूद रहे।
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