जौनपुर। भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान के सहयोग से जनपद का एक कृषक उत्पादक संगठन जौनपुरी मक्का से संबंधित परियोजना पर काम शुरू कर रहा है। इस संदर्भ में यमदग्निपुरम कृषक उत्पादक कम्पनी लिमिटेड और आईआईएमआर के बीच करार हुआ है। इसके तहत मक्का की स्थानीय प्रजाति के संरक्षण, विकास, उत्पादन, मूल्य संवर्धन, खाद्य प्रसंस्करण और मक्का उत्पादों को विकसित करने और स्वास्थ्यप्रद खाद्य पदार्थों के उत्पादन में इसके प्रयोग के क्षेत्रों पर केंद्रित कार्य होंगे। समझौते के तहत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) से सम्बद्ध लुधियाना स्थित भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान (आईआईएमआर) इस परियोजना में अपने शोध और विशेषज्ञता का पूरा सहयोग देगा। एफपीओ और आईआईएमआर के बीच लुधियाना (पंजाब) में इससे संबंधित एमओयू साइन किए गए हैं। इस मौके पर एफपीओ के सीईओ सी.एस. सिंह, आईआईएमआर के वैज्ञानिक डॉ. ए.के. सिंह एवं डॉ. रोमेन शर्मा के साथ आईसीएआर के निदेशक डॉ. एच.एस. जाट भी उपस्थित रहे। एफपीओ को खाद्य उद्योग के लिए स्वास्थ्यप्रद उत्पादों की नई श्रृंखला विकसित करने के लिए उत्पाद फॉर्मूलेशन और प्रौद्योगिकी का सहयोग मिलेगा। गौरतलब है कि हमारे देश में स्वास्थ्यवर्धक, जैविक एवं प्राकृतिक खाद्य उत्पादों की भारी मांग है। अजैविक और रसायन आधारित अस्वास्थ्यकर खाद्यान्नों के सेवन से कैंसर, मधुमेह, रक्तचाप, हृदय रोग जैसी विभिन्न बीमारियों से पीड़ित लोगों की संख्या में हो रही चिंताजनक वृद्धि को ध्यान में रखते हुए कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों पर भी इस दिशा में गंभीर प्रयास करने का नैतिक दायित्व है। घरेलू बाजार में गुणवत्ता विहीन स्थानीय उत्पादों और स्थापित विदेशी ब्रांडों द्वारा वसूल की जाने वाली अत्याधिक कीमतों को देखते हुए उच्च गुणवत्ता वाले स्वास्थ्यप्रद खाद्य पदार्थों को प्रतिस्पर्धी मूल्य पर उपलब्ध कराना परियोजना का प्रमुख लक्ष्य है। खास बात यह भी है कि श्री अन्न (मिलेट्स) की सूची में शामिल मक्का की लुप्त हो रही जौनपुर की देशी प्रजाति को कृषि वैज्ञानिक अधिक पौष्टिक मानते हैं।
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