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#JaunpurLive : सपा-बसपा के प्रत्याशी को लेकर धनंजय सिंह ने कही यह बात

  • जौनपुर पहुंचे पूर्व सांसद धनंजय सिंह, हुआ जोरदार स्वागत
जौनपुर। पूर्व सांसद धनंजय सिंह के आगमन पर उनका जगह-जगह जोरदार स्वागत हुआ। कुछ जगहों पर पटाखे भी फोड़े गए। समर्थकों ने अपने नेता को फूल-मालाओं से लाद दिया। इस मौके पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान पूर्व सांसद ने कहा कि सपा के प्रत्याशी का जनता से कोई जुड़ाव नहीं रहा है। वे विधान परिषद के सदस्य रहे हैं और मंत्री बन गए। दूसरे जो बंबई की राजनीति से आए हैं। शहर की राजनीति 2-3 किमी की राजनीति होती है। अभी जौनपुर की बड़ी राजनीति है। जंघई से चलेंगे तो सूरापुर तक 100 किमी की यात्रा तय करनी पड़ेगी तब जाकर जौनपुर की राजनीति कुछ समझ आएगी। दोनों के राजनीति में सामंजस्य बना बना कठिन काम है, सामने दिखेगा। जो भी लड़ेंगे दल के नाम पर ही लड़ पाएंगे। हाथी का अपना आधार है और इस जिले की राजनीति में 25 साल से एक हमारा भी आधार है। हमको हाथी से ज्यादा फायदा होगा लेकिन हमारे समर्थकों से भी हाथी को फायदा होगा।


  • धनंजय सिंह ने की अपनी पत्नी की तारीफ
उन्होंने कहा कि जिस तरीके से हमारे खिलाफ घेराबंदी की गई थी, ताकि हम चुनाव से दूर रहे। बसपा ने हमारी पत्नी को प्रत्याशी बनाया है। विरोधियों की मंशा थी कि मैं अपनी पत्नी के चुनाव में भी शामिल न हो सकूं। मैं अपनी पत्नी की तारीफ करुंगा कि उन्होंने इस चुनौती के समय में चुनौती को स्वीकार किया और अपना कदम आगे बढ़ाया। उन्होंने कहा कि जनता का समर्थन मिल रहा है। हर वर्ग के लोगों ने अपना समर्थन दिया है। जाति, धर्म से ऊपर उठकर लोगों ने हमें समर्थन दिया है। इस संघर्ष के दौर में पूरी ईमानदारी के साथ लोग हमारे साथ हैं। आम जनमानस को भी लगा है कि जिस तरीके से मेरे साथ घटनाक्रम हुए वो गलत हैं। 
  • आज भी नमामि गंगे का दंश झेल रहा जनपद
उन्होंने कहा कि हमारा जनपद नमामि गंगे का दंश अभी भी झेल रहा है। बारिश में गाड़ियां धंस जा रही थी। ये मुद्दा विधान परिषद की कमेटी में भी उठा हुआ है। ऐसे मुद्दे को उठाना क्या लोकतंत्र में विपक्ष की कोई भूमिका नहीं है? क्या सत्ता पक्ष के लोग इतने ज्यादा निरंकुश हो गए हैं कि लोकतंत्र में विपक्ष की भूमिका खतम कर देंगे। इसका जवाब जनता देगी। उन्होंने कहा कि विपक्ष को लगता है कि मेरे रहने से उनका खतरा है इसीलिए मेरे ऊपर फर्जी मुकदमे लादे जाते हैं। राजनीति में यह सिलसिला चलता रहता है, क्या हम लोग पैर पीछे कर लें? क्या लोकतंत्र में अपनी बात कहना भी गुनाह है? मैं बेबाकी से जनता के मुद्दों को हमेशा उठाता रहा हूं, उठाता रहूंगा सदन पे सड़क पे, इसके लिए जो भी खामियाजा भुगतना पड़े मैं तैयार हूं। 

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