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#JaunpurLive : फाइबर ऑप्टिक्स एवं फोटोनिक्स की मदद से चलेगी ड्राइवरलेस कार



रोबोटिक्स आपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है फाइबर ऑप्टिक्स
पूविवि के इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग में शुरू हुई 3 दिवसीय कार्यशाला
सरायख्वाजा, जौनपुर। पूर्वांचल विश्वविद्यालय में इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग के फाइबर ऑप्टिक्स एवं फोटोनिक्स प्रयोगशाला में उपलब्ध सुविधाओं पर तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन विभागीय शिक्षकों के इस दिशा में ज्ञानवर्धन शोध के लिए प्रेरित किये जाने एवं इस नई टेक्नोलॉजी की मदद से औद्योगिक विकास एवं औद्योगिक केन्द्रों से तादात्म्य स्थापित किये जाने हेतु किया जा रहा है। इस संदर्भ में यह उल्लेख किया जाना समाचीन होगा कि लगभग 2 वर्ष पूर्व जो एमओयू मेसर्स पेट्रासिस ग्लोबल मुम्बई के साथ विश्वविद्यालय ने हस्ताक्षरित किया था। प्रबंध निदेशक डा. फिलिप बी. केसी ने कार्यशाला में कहा कि फाइबर ऑप्टिक्स एवं फोटोनिक्स की मदद से हम ड्राइवरलेस कार और रोबोट सर्जरी कर सकते हैं। इससे इण्टरनेट 6 जी की स्पीड भी दस से 100 गुना बढ़ जाएगी। इस कारण हम विदेश में अच्छे डाक्टरों की मदद से रोबोट सर्जरी भी अच्छे ढंग से कर सकते हैं। स्पीड अधिक होगी तभी सेंसर के माध्यम से यह सब काम संभव है। इससे डाटा को कई गुना अधिक स्पीड से भेजा जा सकता है। यह तकनीक बार्डर पर तैनात सेवा के जवानों की सुरक्षा में कारगार साबित होगी। इस प्रणाली में बालों से भी पतले कांच के तंतुओं से गुजरने वाले प्रकाश तरंगों पर इंटरनेट सूचनाएं प्रेषित की जाती है। इसको ऑप्टिकल फाइबर संचार कहा जाता है। अब यह टेक्नोलॉजी व्यापक रूप धारण कर संचार के अतिरिक्त सेंसर, चिकित्सकीय अनाधिकृत गतिविधियों की जानकारी प्राप्त करने, औद्योगिक विकास इंफ्रास्ट्रक्चर के सुदृढ़ीकरण जैसे अनुप्रयोगों में योगदान दे रही है। विद्युत चुंबकीय, रेडियो फ्रीक्वेंसी, विद्युत स्थैतिकी हस्तक्षेपों, जमीनी वाइब्रेशन पनडुब्बी में उपयोग के लिये किसी बिल्डिंग के वाइब्रेशन को नाप कर इसके दुष्प्रभावों को कम किया जाना है। विभागाध्यक्ष प्रो. रवि प्रकाश ने अतिथि का स्वागत करते हुए उनका परिचय प्रस्तुत किया। कार्यशाला संयोजक प्रो. बीबी तिवारी ने कार्यशाला की रूप—रेखा प्रस्तुत करते हुए रुचि के साथ छात्रों एवं शिक्षकों के प्रतिभाग करने पर बल दिया। कार्यशाला में कुलपति प्रो. वंदना सिंह की प्रेरणा एवं सहयोग को प्रस्तुत किया गया। कार्यशाला में डॉ. दीपक सिंह, संतोष त्रिपाठी, डॉ. मोहम्मद अनीश, ज्योति प्रशांत सिंह, सुधीर सिंह, डॉ. अजय मौर्या, डॉ. पारुल त्रिवेदी, पूनम सोनकर, प्रीति शर्मा, विशाल यादव सहित तमाम शिक्षक उपस्थित रहे।

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