जौनपुर। नामाकंन का समय समाप्त होने के बाद मंगलवार की पर्चों की जांच हुई। जांच में जौनपुर सीट से निर्दल प्रत्याशी अमित कुमार सिंह का पर्चा खारिज हो गया। अपना पर्चा रद्द होने के बाद अमित सिंह कलेक्ट्रेट ªपरिसर में फूट-फूटकर रो पड़ा। पर्चा खारिज होने का जिम्मेदार उसने अधिवक्ता और नामाकंन कराने वाले अधिकारियों को ठहराया।
जिले के दरियावगंज गांव के निवासी अमित कुमार सिंह पुत्र राजेश सिंह ने जौनपुर सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ने के लिए नामाकंन के अंतिम दिन यानी 6 मई को एक सेट में पर्चा दाखिल किया था। नामाकंन पत्रों की जांच में उनके दस्तावेज में जमानत राशि का चलान न होने के कारण पर्चा निरस्त कर दिया। पर्चा खारिज होने के बाद अमित सिंह फूट फूटकर रो पड़े। उन्होंने रोते हुए मीडिया को बताया कि मैंने नामाकंन भरने के लिए बीते 30 अप्रैल को 25 हजार रुपए जमा किया था। उसकी चालान भी मैंने वकील को दिया था। वकील ने मेरे नामाकंन के साथ चालान नहीं लगाया। उसने नामाकंन में लगे अधिकारियों पर भी आरोप लगाया कि पर्चा लेते समय किसी ने नहीं बताया कि चालान नहीं लगाया गया है यदि बताया होता तो मैं उसे लगा देता।
जिले के दरियावगंज गांव के निवासी अमित कुमार सिंह पुत्र राजेश सिंह ने जौनपुर सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ने के लिए नामाकंन के अंतिम दिन यानी 6 मई को एक सेट में पर्चा दाखिल किया था। नामाकंन पत्रों की जांच में उनके दस्तावेज में जमानत राशि का चलान न होने के कारण पर्चा निरस्त कर दिया। पर्चा खारिज होने के बाद अमित सिंह फूट फूटकर रो पड़े। उन्होंने रोते हुए मीडिया को बताया कि मैंने नामाकंन भरने के लिए बीते 30 अप्रैल को 25 हजार रुपए जमा किया था। उसकी चालान भी मैंने वकील को दिया था। वकील ने मेरे नामाकंन के साथ चालान नहीं लगाया। उसने नामाकंन में लगे अधिकारियों पर भी आरोप लगाया कि पर्चा लेते समय किसी ने नहीं बताया कि चालान नहीं लगाया गया है यदि बताया होता तो मैं उसे लगा देता।
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