जौनपुर। स्थानीय दीवानी न्यायालय में वादकारियों एवं अधिवक्ताओं के लिए प्रवेश द्वार चार लगे हुये हैं जो प्रवेश व निकास द्वार लगे जिसका काम आयुध जांच मापक है। इसके बावजूद प्रत्येक द्वार पर निरीक्षक, उपनिरीक्षक एवं महिला—पुरुष आरक्षीगण न्यायालय सुरक्षा की मंशानुरूप प्रशासन चुस्त—दुरुस्त रखने के लिए लगाए गए हैं परन्तु वहां की प्रशासन व्यवस्था लचर और शिथिल होने के कारण कभी भी कुछ भी अनहोनी घटना घट सकती है। बताते चलें कि प्रदेश के कई जनपद न्यायालयों में बम विस्फोट सहित अन्य अप्रिय आपराधिक घटना और गतिविधियां की गयी हैं जिसके चलते प्रदेश सरकार द्वारा न्यायालय की सुरक्षा मुहैया कराते हुए मेटल डिटेक्टर यंत्र के साथ सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए व्यवस्था की गयी परन्तु दीवानी न्यायालय के पूर्वी हिस्से पर बने द्वार पर आयुध जांच करने के लिये बैठे आरक्षीगण अपने में ही मशगूल रहते हैं। उनके इस कार्य से लगता है कि वह शायद बड़ी घटना की प्रतीक्षा कर रहे हैं.
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