वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हो सकती थी सुनवाई : हिमांशु
बेटे के स्वास्थ्य को लेकर था चिंतितअपने साथ रखने की कोर्ट में दी थी दरखास्त
जौनपुर। इंजीनियर अतुल ने मृत्यु पूर्व वीडियो व सुसाइड नोट में यह उल्लेख किया है कि उसका छोटा भाई दिल्ली से बूढ़े मां-बाप बिहार से लगभग 120 बार जौनपुर कोर्ट में पेशी पर गए हैं। स्वयं उसे सालभर में कम छुट्टियां मिलती थी, वह निजी तौर पर 40 बार कोर्ट की पेशी पर पहुंचा है। बार-बार कोर्ट दौड़ने से वह परेशान हो चुका था। पिछले कई महीनो से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई चल रही है। सरकारी वकील ने बताया कि दुष्कर्म के मामले स्टेट बनाम अनुराग यादव थाना बादलपुर में गवाह डिप्टी एसपी अशोक सिंह आगरा में थे और उनकी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए यहां पर बयान 3 सितंबर 2024 को पाक्सो एक्ट की कोर्ट में हुआ था। इसके अलावा पिछले गुरुवार को गैंगस्टर कोर्ट में वाराणसी के क्षेत्राधिकारी का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बयान हुआ। इसी प्रकार अन्य मामलों में भी सरकारी कर्मचारियों का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बयान होता है।
मृतक अतुल जो एक बड़ी कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर था, उसे 40 बार यहां कोर्ट में बैंगलोर से आना पड़ा। उसके अधिवक्ता का कहना है वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई हो सकती थी। वह बार-बार दौड़ने से त्रस्त हो चुका था। उसने अपने बेटे को अपनी कस्टडी में लेने और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देखने के संबंध में कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था, जिसमें उसने यह हवाला दिया था कि निकिता बिना किसी कारण के घर छोड़ कर चली गई है और दिल्ली जैसे शहर जहां वायु गुणवत्ता की स्थिति चिंताजनक स्तर पर पहुंच गई है। गुणवत्ता सूचकांक काफी खराब हो जाता है, वहां पर बेटे व्योम को लेकर है, जिससे व्योम के स्वास्थ्य को खतरा पैदा हो सकता है। उसने कोर्ट से अनुरोध किया कि वह बेटे के स्वास्थ्य और समग्र कल्याण को प्राथमिकता देने के लिए कटिबद्ध है इसलिए बेटे को उसकी अभिरक्षा में दिया जाए जिससे उसके स्वास्थ्य की ठीक वह उचित देखभाल हो सके।
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