धूमधाम से मना श्रीश्री ठाकुर का जन्मोत्सव
जौनपुर। परम प्रेममय श्रीश्री ठाकुर अनुकूल जी का 137वां जन्म महोत्सव सत्संग विहार कमलानगर के तत्वावधान में रविवार को धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर विशाल शोभायात्रा निकाली गयी जिसमें हजारों लोगों ने भागीदारी की। बीआरपी कालेज के मैदान पर आयोजित धर्मसभा में विभिन्न प्रान्त और जनपदों से आए वक्ताओं ने कहा कि बिना ईष्ट और सदगुरू के अच्छा मानव बनना संभव नहीं है। जब तक व्यक्ति के जीवन में आदर्श नहीं रहेगा वह सुमार्ग पर नहीं चल पायेगा और उसके जीवन से अंधकार दूर नहीं होगा।
वक्ताओं ने कहा कि यजन याजन और ईष्टभृत्ति के माध्यम से जीवन को नियंत्रित करने में सफलता मिलती है। सत्संग और श्रीश्री ठाकुर पर विश्वास करने से जीवन में प्रकाश आता है। अपनी प्रवृत्तियों को नियंत्रित करने के लिए एकनिष्ठ होकर आदर्श से जुड़ना होगा। जीवन का आधार आदर्श को बनाना होगा जो सच्चा मानव बनाने में सहायक होगा। ठाकुर का कहना था कि हमे जंगल का सन्यासी नहीं गृहस्थ सन्यासी चाहिए जो पूरे परिवार को आदर्श से जोड़कर आगे बढ़े। गृहस्थ जीवन में संयमित रहते हुए अपने कार्य व्यवहार से आदर्श प्रस्तुत करे बड़ी बड़ी बातों से कोई प्रभावित नहीं होता अपनी कथनी और करनी में एकरूपता रखनी होगी। इसके पूर्व सवेरे साढ़े़ चार बजे से वेद मांगलिकी शहनाई से महोत्सव आरंभ होकर ऊषा कीर्तन, धर्मग्रन्थ पाठ एवं भजन हुआ। तत्पश्चात शोभा यात्रा निकालकर नगर भ्रमण किया। इस दौरान जय राधे राधे कृष्ण कृष्ण से पूरा शहर गुंजायमान रहा। दोपहर में मेडिकल कैम्प में सैकडों लोग लाभान्वित हुए।
मुख्य अतिथि लोक सेवा आयोग के पूर्व सदस्य डॉ. आरएन त्रिपाठी रहे। धर्म सभा को एस बहादुर आले देहरादून, श्याम नारायन सिंह गाजीपुर, प्रकाश चन्द झा गोरखपुर, डॉ. पंकज सिंह प्रयागराज, शिवनाथ यादव बरेली, चितरंजन कैमूर बिहार ने सम्बोधित किया। संचालन काली प्रसाद सिंह एडवोकेट तथा डॉ. नीलेश श्रीवास्तव ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
जौनपुर। परम प्रेममय श्रीश्री ठाकुर अनुकूल जी का 137वां जन्म महोत्सव सत्संग विहार कमलानगर के तत्वावधान में रविवार को धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर विशाल शोभायात्रा निकाली गयी जिसमें हजारों लोगों ने भागीदारी की। बीआरपी कालेज के मैदान पर आयोजित धर्मसभा में विभिन्न प्रान्त और जनपदों से आए वक्ताओं ने कहा कि बिना ईष्ट और सदगुरू के अच्छा मानव बनना संभव नहीं है। जब तक व्यक्ति के जीवन में आदर्श नहीं रहेगा वह सुमार्ग पर नहीं चल पायेगा और उसके जीवन से अंधकार दूर नहीं होगा।
वक्ताओं ने कहा कि यजन याजन और ईष्टभृत्ति के माध्यम से जीवन को नियंत्रित करने में सफलता मिलती है। सत्संग और श्रीश्री ठाकुर पर विश्वास करने से जीवन में प्रकाश आता है। अपनी प्रवृत्तियों को नियंत्रित करने के लिए एकनिष्ठ होकर आदर्श से जुड़ना होगा। जीवन का आधार आदर्श को बनाना होगा जो सच्चा मानव बनाने में सहायक होगा। ठाकुर का कहना था कि हमे जंगल का सन्यासी नहीं गृहस्थ सन्यासी चाहिए जो पूरे परिवार को आदर्श से जोड़कर आगे बढ़े। गृहस्थ जीवन में संयमित रहते हुए अपने कार्य व्यवहार से आदर्श प्रस्तुत करे बड़ी बड़ी बातों से कोई प्रभावित नहीं होता अपनी कथनी और करनी में एकरूपता रखनी होगी। इसके पूर्व सवेरे साढ़े़ चार बजे से वेद मांगलिकी शहनाई से महोत्सव आरंभ होकर ऊषा कीर्तन, धर्मग्रन्थ पाठ एवं भजन हुआ। तत्पश्चात शोभा यात्रा निकालकर नगर भ्रमण किया। इस दौरान जय राधे राधे कृष्ण कृष्ण से पूरा शहर गुंजायमान रहा। दोपहर में मेडिकल कैम्प में सैकडों लोग लाभान्वित हुए।
मुख्य अतिथि लोक सेवा आयोग के पूर्व सदस्य डॉ. आरएन त्रिपाठी रहे। धर्म सभा को एस बहादुर आले देहरादून, श्याम नारायन सिंह गाजीपुर, प्रकाश चन्द झा गोरखपुर, डॉ. पंकज सिंह प्रयागराज, शिवनाथ यादव बरेली, चितरंजन कैमूर बिहार ने सम्बोधित किया। संचालन काली प्रसाद सिंह एडवोकेट तथा डॉ. नीलेश श्रीवास्तव ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
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