सनातन बोर्ड के गठन से सुरक्षित होगा बच्चों का भविष्य
नवी मुंबई. सुप्रसिद्ध कथाकार देवकी नंदन ठाकुर महाराज ने कहा कि सनातन बोर्ड का गठन बहुत जरूरी है. हमें अपने बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करना होगा. सनातन बोर्ड हमारी संस्कृति, परंपरा और धार्मिक मूल्यों को संरक्षित करने में मदद करेगा. देवकीनंदन ठाकुर ने यह उद्गार खारघर स्थित कॉपोरेट पार्क ग्राउंड पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा के दौरान व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि जब हम संत महात्माओं के संग रहते हैं, तब हमारी आत्मा पवित्र होती है. देवकीनंदन ठाकुर महाराज ने कथा में बताया कि जैसे शरीर स्वस्थ रखने के लिए हम पौष्टिक आहार लेते हैं, ठीक उसी प्रकार आत्मा की शुद्धि के लिए सत्कर्मों और सत्संग का आचरण आवश्यक है. जब हम अच्छे कार्य करते हैं और संत महात्माओं के संग रहते हैं, तब हमारी आत्मा पवित्र होती है.
सनातनी बच्चों को दें रामायण-गीता की शिक्षा
महाराज ने कहा, हम सनातनियों को अपने बच्चों को ग्रंथों की शिक्षा देनी चाहिए, जिससे हमारे बच्चे जीवन के प्रति सही दृष्टिकोण अपनाएं. हमें अपने बच्चों को संस्कारों और मूल्यों की सही शिक्षा देनी चाहिए. हम सनातनियों की जिम्मेदारी है कि अपने बच्चों को रामायण और गीता की शिक्षा देकर उन्हें उज्जवल भविष्य की ओर प्रेरित करें. महाराज ने जयपुर हादसे पर दुख जताते हुए कहा कि हमारी भगवान से प्रार्थना है कि वे इस कठिन समय में पीड़ित परिवारों को शक्ति प्रदान करें. उन सभी के लिए हमारी गहरी संवेदनाएं हैं जो इस दुर्घटना से प्रभावित हुए हैं.
नवी मुंबई. सुप्रसिद्ध कथाकार देवकी नंदन ठाकुर महाराज ने कहा कि सनातन बोर्ड का गठन बहुत जरूरी है. हमें अपने बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करना होगा. सनातन बोर्ड हमारी संस्कृति, परंपरा और धार्मिक मूल्यों को संरक्षित करने में मदद करेगा. देवकीनंदन ठाकुर ने यह उद्गार खारघर स्थित कॉपोरेट पार्क ग्राउंड पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा के दौरान व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि जब हम संत महात्माओं के संग रहते हैं, तब हमारी आत्मा पवित्र होती है. देवकीनंदन ठाकुर महाराज ने कथा में बताया कि जैसे शरीर स्वस्थ रखने के लिए हम पौष्टिक आहार लेते हैं, ठीक उसी प्रकार आत्मा की शुद्धि के लिए सत्कर्मों और सत्संग का आचरण आवश्यक है. जब हम अच्छे कार्य करते हैं और संत महात्माओं के संग रहते हैं, तब हमारी आत्मा पवित्र होती है.
सनातनी बच्चों को दें रामायण-गीता की शिक्षा
महाराज ने कहा, हम सनातनियों को अपने बच्चों को ग्रंथों की शिक्षा देनी चाहिए, जिससे हमारे बच्चे जीवन के प्रति सही दृष्टिकोण अपनाएं. हमें अपने बच्चों को संस्कारों और मूल्यों की सही शिक्षा देनी चाहिए. हम सनातनियों की जिम्मेदारी है कि अपने बच्चों को रामायण और गीता की शिक्षा देकर उन्हें उज्जवल भविष्य की ओर प्रेरित करें. महाराज ने जयपुर हादसे पर दुख जताते हुए कहा कि हमारी भगवान से प्रार्थना है कि वे इस कठिन समय में पीड़ित परिवारों को शक्ति प्रदान करें. उन सभी के लिए हमारी गहरी संवेदनाएं हैं जो इस दुर्घटना से प्रभावित हुए हैं.
कल्पवास से आत्मा को होता है दिव्य अनुभव
महाराज ने बताया जो-जो चाहता है कि उनके जीवन में कल्याण हो, वे सभी प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ में कल्पवास करें. महाकुंभ में कल्पवास करने से न केवल तन-मन शुद्ध होता है, बल्कि आत्मा को भी दिव्य अनुभव होता है. यह श्री मद्भागवत कथा 24 दिसंबर से शुरू है, जो 30 दिसंबर तक चलेगी. 31 दिसंबर को नव वर्ष का उत्सव धार्मिक विधि के साथ मनाया जाएगा.
Tags
Hindi News
Jaunpur
jaunpur live
Jaunpur Live News
jaunpur news
Purvanchal News
recent
Uttar Pradesh News