- बाबा की शोभायात्रा में जमकर नाचे अड़भंगी
- साधु संन्यासी और भूत- पिशाच
- शोभायात्रा में उमड़ा जनसैलाब, अलौकिक झांकियों ने मोहा मन, महाकुम्भ की झांकी बनी आकर्षण का केन्द्र
- नरमुंड पिशाच बने बाबा के गणों के साथ निकली भव्य शोभायात्रा
- शहर की सड़कों पर गूंजती रही हर-हर महादेव और बम-बम भोले के जयघोष
वाराणसी। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम कॉरीडोर के तीसरे वर्षगांठ के मौके पर पूरी काशी शिवमय नजर आयी। काशी विश्वनाथ धाम ट्रस्ट की ओर से शहर के मैदागिन से बाबा धाम तक भव्य शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में शामिल अड़भंगी साधु-संयासी और भूत-पिशाच नाचते हुए चल रहे थे। शोभा यात्रा में प्रयागराज के महाकुंभ की झलक श्रद्धालुओं के आकर्षण केन्द्र रही। शोभायात्रा में शामिल कलाकारों ने विभिन्न स्वांगों में निकले तो सेल्फी लेने वालों का तांता लग गया। अग्नि-शस्त्र लेकर मां काली के रूप में कलाकारों ने अद्भूत प्रदर्शन किया। नरमुंड पिशाच बने बाबा के गणों ने सड़क पर तांडव किया तो हर तरफ अग्नि और राख का गुबार देखने को मिला।
भोलेनाथ व काली मां के स्वरूप डमरु व त्रिशूल की थाप पर आग उगल रहे, 101 डमरू दल का शंखनाद माहौल का भक्तिमय बना रहा था। शोभायात्रा में अमृत कलश और नुक्कड़ नाटक के माध्यम से बाबा भोलेनाथ का महाकुंभ से गहरा रिश्ता और कुंभ का महत्व दर्शाया गया। शोभायात्रा मैदागिन से उठकर बुलानाला, आसभैरव, चौक, बांसफाटक, गोदौलिया, डेढ़सी के पुल होते हुए दशाश्वमेध स्थित चितरंजन पार्क पहुंचकर समापन किया गया।
इस भव्य शोभा यात्रा की शुरुआत शहर दक्षिणी के विधायक डॉ. नीलकंठ तिवारी ने हरी झंडी दिखाकर की। हिंदू वाहिनी के अम्बरीश सिंह भोला विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रहे। शोभा यात्रा में विभिन्न सामाजिक संस्थाएं, जैसे केशरवानी समाज, स्वतंत्र स्काउट्स दल, श्री काशी अग्रवाल समाज और अन्य कई संगठनों ने न सिर्फ भाग लिया, बल्कि पानी, शर्बत और पुष्प वर्षा की भी व्यवस्था की। शोभायात्रा में हजारों की संख्या में महिलाएं गुलाबी और पीले साफे पहनकर शोभा यात्रा में शामिल हुईं, जिससे गुलाबी और पीले रंग की छटा पूरे आयोजन में बिखर गई।
शिव-पार्वती और राधा-कृष्ण की मनमोहक प्रस्तुतियों ने यात्रा को और भी जीवंत बना दिया। नीलकंठ महादेव और काली मां के अद्भुत रूपों ने श्रद्धालुओं को विशेष आकर्षित किया। झांकियों के माध्यम से बाबा विश्वेश्वर (श्री काशी विश्वनाथ) का महाकुम्भ से रिश्ता और महात्म का शानदार प्रस्तुति भी लोगों को बरबस अपनी ओर खींचती रही। शिव - पार्वती, राधा - कृष्ण बने कलाकारों का नृत्य अलग ही अंदाज में उत्सव को चटक बना रहा था। शोभायात्रा में विषपान करते नीलकंठ महादेव और अमृत की लालसा में महाकुम्भ प्रस्थान करने का अन्दाज कुछ अलग ही रंग घोल रहा था। काली मां बने कलाकार का परम्परागत नृत्य अपने अलग अन्दाज में दिखा। पूरे शोभायात्रा में शहर के सभी नामी बैंड बाजाओं में प्रतिस्पर्धा की होड़ लगी थी। सभी देश के मशहूर मनमौजी बाबा भगवान के रौद्र रूप का दर्शन कराते नजर आ रहे थे।
शोभा यात्रा में शिव बारात समिति के संयोजक दिलीप सिंह, संरक्षक आर.के. चौधरी, और महिला विंग की प्रभारी वंदना रघुवंशी ने आयोजन की जिम्मेदारी संभाली। मार्ग में स्थानीय बैंड और धार्मिक संगीत ने माहौल को उत्सवमय बना दिया। अंत में चित्तरंजन पार्क पर यात्रा का समापन हुआ, जहां अविरल गंगा स्पोर्ट्स सोसाइटी ने सभी अतिथियों का दुपट्टा पहनाकर स्वागत किया। पूर्वांचल के मशहूर धार्मिक बैंड पागल बाबा के भजनों की प्रस्तुति भी अलग अंदाज में रही। रास्ते में सामाजिक संस्थाओं ने पानी शर्बत पिलाने के साथ शोभायात्रा पर पुष्प वर्षा भी किया।
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