मछलीशहर, जौनपुर। निदेशक पंचायती राज उत्तर प्रदेश लखनऊ के पत्र के सन्दर्भ में अवगत कराया गया कि मनीष गोयल अपर महाधिवक्ता उत्तर प्रदेश उच्च न्यायालय इलाहाबाद के संलग्न पत्र के अन्तर्गत चिन्हित प्रस्तर-अ एवं पत्र के साथ संलग्न जनहित याचिका अम्बिका यादव बनाम उत्तर प्रदेश राज्य सहित अन्य में उच्च न्यायालय के पारित आदेश रमाकान्त यादव बनाम उत्तर प्रदेश राज्य सहित अन्य में पारित आदेश के क्रम में 3 माह के भीतर उत्तर प्रदेश के ग्राम प्रधानों को निम्नलिखित बिन्दुओं पर प्रशिक्षण प्रदान किया जाना है।
इस मौके पर बताया गया कि उत्तर प्रदेश पंचायती राज अधिनियम 1947 की धारा 15 के अनुसार ग्राम पंचायत के कार्य। उ०पं० पचायती राज अधिनियम 1947 की धारा 95 (1) (छ) के प्राविधानुसार प्रधान को पद से हटाया जाना। ग्राम प्रधान को स्वयं के आयकर रिटर्न दाखिल करने की जानकारी। महिला ग्राम प्रधान को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के संबंध में विशेष रूप से जानकारी दिये जाने हेतु उच्च न्यायालय द्वारा अपेक्षा की गयी है, ताकि प्रधान पति की अवधारणा को हतोत्साहित किया जा सके।
उपरोक्त विषय अत्यन्त ही महत्वपूर्ण एवं समयबद्ध है एवं किसी भी प्रकार के निर्गत निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित न किये जाने की दशा में उच्च न्यायालय में अवमानना की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।उक्त के क्रम में निर्देशित किया गया कि विकास खण्ड के समस्त ग्राम प्रधानों को उपरोक्त 4 बिन्दुओं पर प्रशिक्षण प्रदान कराते हुए उक्त प्रशिक्षण की स्वप्रमाणित उपस्थिति, फोटोग्राफ, वीडियो तथा मीडिया कवरेज की छायाप्रति अनिवार्य रुप से अधोहस्ताक्षरी कार्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें जिससे समयानुसार निदेशालय को संकलित रिपोर्ट प्रस्तुत की जा सके। इस आशय की जानकारी ग्राम विकास अधिकारी लक्ष्मी आनन्द ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी है।
इस मौके पर बताया गया कि उत्तर प्रदेश पंचायती राज अधिनियम 1947 की धारा 15 के अनुसार ग्राम पंचायत के कार्य। उ०पं० पचायती राज अधिनियम 1947 की धारा 95 (1) (छ) के प्राविधानुसार प्रधान को पद से हटाया जाना। ग्राम प्रधान को स्वयं के आयकर रिटर्न दाखिल करने की जानकारी। महिला ग्राम प्रधान को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के संबंध में विशेष रूप से जानकारी दिये जाने हेतु उच्च न्यायालय द्वारा अपेक्षा की गयी है, ताकि प्रधान पति की अवधारणा को हतोत्साहित किया जा सके।
उपरोक्त विषय अत्यन्त ही महत्वपूर्ण एवं समयबद्ध है एवं किसी भी प्रकार के निर्गत निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित न किये जाने की दशा में उच्च न्यायालय में अवमानना की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।उक्त के क्रम में निर्देशित किया गया कि विकास खण्ड के समस्त ग्राम प्रधानों को उपरोक्त 4 बिन्दुओं पर प्रशिक्षण प्रदान कराते हुए उक्त प्रशिक्षण की स्वप्रमाणित उपस्थिति, फोटोग्राफ, वीडियो तथा मीडिया कवरेज की छायाप्रति अनिवार्य रुप से अधोहस्ताक्षरी कार्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें जिससे समयानुसार निदेशालय को संकलित रिपोर्ट प्रस्तुत की जा सके। इस आशय की जानकारी ग्राम विकास अधिकारी लक्ष्मी आनन्द ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी है।
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