अजवद क़ासमी
जौनपुर। विश्व प्रसिद्ध इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम नदवतुल उलमा के रजिस्ट्रार मौलाना सैयद जाफर मसूद हसनी नदवी की बुधवार को देर शाम एक सड़क हादसे में मौत हो गई,जिसकी वजह से विश्व भर में फैली नदवी बिरादरी और मुसलमानों में शोक की लहर दौड़ पड़ी,इस संबंध में जौनपुर में नदवतुल उलमा के पूर्व कुलपति मौलाना अबुल इरफान खान नदवी के पुत्र सेंट जोसेफ़ ग्रुप ऑफ़ स्कूल्स के चेयरमैन डॉक्टर नोमान खान ने कहा कि वो एक प्रमुख इस्लामी विद्वान शोधकर्ता और लेखक थे,जिन्होंने इस्लामी अध्ययन और साहित्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया,मौलाना जाफर मसूद से हमारे निजी और घरेलू संबंध थे,छात्र जीवन में वह हमारे पिताजी (पूर्व कुलपति) के पास शिक्षा संबंधित सहयोग के लिए आते जाते थे।उन्होंने कहा कि मौलाना का व्यक्तित्व एक शिक्षक का था उनके भाषणों और लेखनी का मुसलमानों के नैतिक और आध्यात्मिक प्रशिक्षण पर गहरा प्रभाव डालती थीं,मौलाना ने विभिन्न विचारधाराओं के बीच एकता और सद्भाव पर जोर दिया,मुसलमानों को एक प्लेटफार्म पर लाने और उनमें दूरियों को खत्म करने पर पूरा जोर दिया,मौलाना की इल्मी खिदमात हमेशा याद रखी जाएंगी,और उनका काम भावी अगली पीढ़ियों के लिए मारदर्शक साबित होगा,इस घटना से मुझे निजी तौर पर तकलीफ हुई है क्योंकि मैने अपना एक सच्चा दोस्त और साथी खो दिया है,अल्लाह से दुआ है कि वो मौलाना को जन्नत में बेहतरीन जगह दे और घर वालों को सब्र दे।
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