हुई महफिलें काटे गये केक, बंटी मिठाईंयां
जौनपुर। पैगंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद मुस्तफा स.अ. के दामाद व शिया समुदाय के पहले इमाम हजरत अली अ.स. का जन्मदिवस मंगलवार को पूरे जिले में धूमधाम के साथ मनाया गया। नगर के शाही किला गेट पर शाम को अली फाउंडेशन के तत्वावधान में केक मौलाना महफूजुल हसन खां पेश इमाम शिया जामा मस्जिद की सरपरस्ती में काटा गया। इससे पूर्व नज़्रे मौला कर मुल्क में अमन शांति के लिए लोगों ने दुआएं मांगी और एक दूसरे से गले मिलकर मुबारकबाद पेश किया। इस मौके पर मौलाना महफूजुल हसन खां ने कहा कि पैगंबरे इस्लाम हजरत मोहम्मद स.अ. के दामाद अमीरूल मोमनीन हज़रत अली अ.स. का जन्म सऊदी अरब के मक्का मदीना शहर में खानए काबा में इस्लामी माह की 13 रजब को हुआ था। हजरत अली ही एक मात्र शख्सियत थी जिनका जन्म खानए काबा में हुआ था। उनकी बहादुरी, जाबांजी, वफादारी, इंसाफ पसंदी, शराफत, सब्रा व कुर्बानी की ऐसी मिसाल दुनिया में कंही नहीं देखने को मिलती है। नमाज के बाद महफिल का दौर शुरू हुआ जिसमें शायरे अहलेबैत ने अपने कलाम पेश कर मौला अली की शान में कसीदे पढ़े। इस मौके पर मौलाना मुबाशीर, सैयद शाहदाउल हसन, माजिद हसन सहित अन्य लोग मौजूद रहे। किला गेट पर लोगों में फल, मिठाईयां, बच्चों में कापियां, पेंसिल सहित अन्य समाग्रियों का वितरण किया गया। वहीं मख्दूमशाहअढ़न स्थित इमामबाड़ा कल्लू मरहूम में भी महफिल का आयोजन हुआ जिसमें शायरों ने अपने कलाम पेश कर बारगाहे मौला में नजरानए अकीदत पेश किया। सदर इमामबाड़ा में भी महफिल का आयोजन किया गया। नगर के सभी शिया बाहुल्य इलाकों में लोग एक दूसरे को मिठाई खिलाते देखने को मिले और घर रौशनी से सराबोर दिखा।
जौनपुर। पैगंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद मुस्तफा स.अ. के दामाद व शिया समुदाय के पहले इमाम हजरत अली अ.स. का जन्मदिवस मंगलवार को पूरे जिले में धूमधाम के साथ मनाया गया। नगर के शाही किला गेट पर शाम को अली फाउंडेशन के तत्वावधान में केक मौलाना महफूजुल हसन खां पेश इमाम शिया जामा मस्जिद की सरपरस्ती में काटा गया। इससे पूर्व नज़्रे मौला कर मुल्क में अमन शांति के लिए लोगों ने दुआएं मांगी और एक दूसरे से गले मिलकर मुबारकबाद पेश किया। इस मौके पर मौलाना महफूजुल हसन खां ने कहा कि पैगंबरे इस्लाम हजरत मोहम्मद स.अ. के दामाद अमीरूल मोमनीन हज़रत अली अ.स. का जन्म सऊदी अरब के मक्का मदीना शहर में खानए काबा में इस्लामी माह की 13 रजब को हुआ था। हजरत अली ही एक मात्र शख्सियत थी जिनका जन्म खानए काबा में हुआ था। उनकी बहादुरी, जाबांजी, वफादारी, इंसाफ पसंदी, शराफत, सब्रा व कुर्बानी की ऐसी मिसाल दुनिया में कंही नहीं देखने को मिलती है। नमाज के बाद महफिल का दौर शुरू हुआ जिसमें शायरे अहलेबैत ने अपने कलाम पेश कर मौला अली की शान में कसीदे पढ़े। इस मौके पर मौलाना मुबाशीर, सैयद शाहदाउल हसन, माजिद हसन सहित अन्य लोग मौजूद रहे। किला गेट पर लोगों में फल, मिठाईयां, बच्चों में कापियां, पेंसिल सहित अन्य समाग्रियों का वितरण किया गया। वहीं मख्दूमशाहअढ़न स्थित इमामबाड़ा कल्लू मरहूम में भी महफिल का आयोजन हुआ जिसमें शायरों ने अपने कलाम पेश कर बारगाहे मौला में नजरानए अकीदत पेश किया। सदर इमामबाड़ा में भी महफिल का आयोजन किया गया। नगर के सभी शिया बाहुल्य इलाकों में लोग एक दूसरे को मिठाई खिलाते देखने को मिले और घर रौशनी से सराबोर दिखा।
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