Jaunpur : ​आंवला की खेती करके समृद्ध बन रहे प्रगतिशील किसान अलख जी

जौनपुर। जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि उद्यान विभाग द्वारा संचालित एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजनान्तर्गत परम्परागत खेती छोड़कर आंवला की आधुनिक किस्म की खेती कर रहे अलख नारायण सिंह ने कृषि में नई तकनीक अपनाई है। डालूपुर ग्राम के निवासी श्री सिंह ने एन-7 के 600 पौधे, एन-10 के 100 पौधे आगरा बोर्ड के 300 पौधे, चकला के 250 पौधे तथा लक्ष्मी 52 के 150 पौधे जैसे उन्नत किस्म के आंवला की खेती से उन्होंने 5 साल के लिए 1 करोड़ 10 लाख रू0 में 5 साल के लिए बाग बेच के मुनाफा कमाना शुरू किया है। एन-7 के पौध 2005 में कृषक द्वारा रोपित किया गया जनपद प्रतापगढ़ से पौध लाया गया और स्वंय भी नर्सरी तैयार किया गया।आंवला की खेती करने वाले किसानों को कई तरह के फायदे होते हैं। एकीकृत बागवानी विकास मिशन के अंर्तगत फल क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम में आंवला की खेती के अन्तर्गत उद्यान विभाग द्वारा 18000 हे0 अनुदान प्रदान की जाती है तथा इससे किसानों को आवंला की खेती के लिए प्रोत्साहन प्राप्त होता है जिससे किसान लगातार 40 से 50 साल तक आमदनी प्राप्त होता है। आंवला के एक पेड़ से एक साल में लगभग 1 से 2 कुंतल तक आंवले का उत्पादन होता है। इसमें प्राकृतिक विधि का प्रयोग करने पर लागत कम आती है। आंवला के पेड़ बंजर और ऊसर जमीन पर भी आसानी से उग जाते हैं। आवला की खेती के लिए अगस्त-सितम्बर में पौधे लगाये जा सकते हैं। आंवला की खेती के लिए खेत की सही तैयारी और पौधों की विजाति प्रजातियों का संतुलित इस्तेमाल करना जरूरी होता है। आंवले का इस्तेमाल दवाइयां, शैम्पू, बालों का तेल, दांतों के पाउडर और मुंह की क्रीम बनाने में भी किया जाता है। आंवला विटामिन सी का सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है। आंवला की खेती के लिए राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना के तहत किसानों को सहायता भी उद्यान विभाग द्वारा दी जाती है। जनपद के विकास खण्ड महाराजगंज एवं सुजानगंज में आंवला की खेती ज्यादातर की जाती है। जिलाधिकारी द्वारा प्रत्येक गोष्टी/मेले में औषधीय पौध आंवला के एक-एक पौध लगाने की अपील भी की गयी है। जिलाधिकारी ने श्री सिंह को किसान दिवस पर सम्मानित भी किया गया है।
Previous Post Next Post

Contact us for News & Advertisement

Profile Picture

Ms. Kshama Singh

Founder / Editor

Mo. 9324074534