कायस्थ समाज ने कार्यक्रम करके दी श्रद्धांजलि
जौनपुर। नेता जी सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जन्म जयंती पर राष्ट्रीय कायस्थ एकता मंच के कैंप कार्यालय पर पराक्रम दिवस कार्यक्रम का आयोजन कर नेता जी को याद किया गया। इस मौके पर अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के प्रदेश महासचिव/जिलाध्यक्ष राकेश श्रीवास्तव ने स्वजातीय बंधुओं को संबोधित करते हुए कहा कि सुबह चंद्र बोस के नाम के आगे नेता जी लगाया जाता है जो लोगों द्वारा उनको दिया गया उपनाम है। उनके आदर्श, नेतृत्व क्षमता, जोशीले भाषण देशभक्ति के नारे आज भी याद किए जाते हैं। उन्हें साहस और पराक्रम का प्रतीक माना जाता है। इसी कारण सुभाष चन्द्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी क्रम में राष्ट्रीय कायस्थ एकता मंच के जिलाध्यक्ष दयाशंकर निगम ने कहा कि नेता जी का जन्म 23 जनवरी 1897 को कटक उड़ीसा के एक कायस्थ परिवार में हुआ था। तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हे आजादी दूंगा। दिल्ली चलो। जय हिन्द जैसे उनके प्रसिद्ध नारे थे। वरिष्ठ कायस्थ नेता आनन्द मोहन श्रीवास्तव ने कहा कि 1942 तक एक मजबूत सशस्त्र बल का सपना लिये नेता जी ने आजाद हिंद फौज की स्थापना किया जिसके प्रमुख रास बिहारी बोस थे। इसी क्रम में नीलमणि श्रीवास्तव, प्रदीप श्रीवास्तव डीओ, पंकज श्रीवास्तव ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर प्रदीप अस्थाना, एससी लाल, शशि श्रीवास्तव गुड्डू, नीरज श्रीवास्तव, ब्रह्म कुमार निगम, आकाश श्रीवास्तव, दिनेश यादव फौजी, विजय श्रीवास्तव सहित तमाम लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन संजय अस्थाना ने किया।
जौनपुर। नेता जी सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जन्म जयंती पर राष्ट्रीय कायस्थ एकता मंच के कैंप कार्यालय पर पराक्रम दिवस कार्यक्रम का आयोजन कर नेता जी को याद किया गया। इस मौके पर अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के प्रदेश महासचिव/जिलाध्यक्ष राकेश श्रीवास्तव ने स्वजातीय बंधुओं को संबोधित करते हुए कहा कि सुबह चंद्र बोस के नाम के आगे नेता जी लगाया जाता है जो लोगों द्वारा उनको दिया गया उपनाम है। उनके आदर्श, नेतृत्व क्षमता, जोशीले भाषण देशभक्ति के नारे आज भी याद किए जाते हैं। उन्हें साहस और पराक्रम का प्रतीक माना जाता है। इसी कारण सुभाष चन्द्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी क्रम में राष्ट्रीय कायस्थ एकता मंच के जिलाध्यक्ष दयाशंकर निगम ने कहा कि नेता जी का जन्म 23 जनवरी 1897 को कटक उड़ीसा के एक कायस्थ परिवार में हुआ था। तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हे आजादी दूंगा। दिल्ली चलो। जय हिन्द जैसे उनके प्रसिद्ध नारे थे। वरिष्ठ कायस्थ नेता आनन्द मोहन श्रीवास्तव ने कहा कि 1942 तक एक मजबूत सशस्त्र बल का सपना लिये नेता जी ने आजाद हिंद फौज की स्थापना किया जिसके प्रमुख रास बिहारी बोस थे। इसी क्रम में नीलमणि श्रीवास्तव, प्रदीप श्रीवास्तव डीओ, पंकज श्रीवास्तव ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर प्रदीप अस्थाना, एससी लाल, शशि श्रीवास्तव गुड्डू, नीरज श्रीवास्तव, ब्रह्म कुमार निगम, आकाश श्रीवास्तव, दिनेश यादव फौजी, विजय श्रीवास्तव सहित तमाम लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन संजय अस्थाना ने किया।
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