शुभांशू जायसवाल
जौनपुर। शिया जामा मस्जिद नवाब बाग़ में शबे बराअत 14 शाबान की मुनासिबत से आमाले निम ए शाबान अन्जाम दिए गए
इमामे ज़माना के विलादत (जन्मदिन) की शब महफिल हुई। इमामे ज़माना की ग़ैबत (रुपोशी) के दौर में मोमनीन मिसाली ज़िन्दगियां गुज़ारेंजिससे इमामे ज़माना अलैहिस्सलाम हम सबसे राज़ी हो जायं।
इस मौके पर मौलाना महफूज़ुल हसन खां शिया जामा मस्जिद नवाब बाग़ जौनपुर में हर साल की तरह इम साल भी शबे बराअत की मुनासिबत से आमाले निम ए शाबान मोमनीन ने अन्जाम दिये। नमाज़े व दुआएं पढ़ी, फिर हुज्जत उल इस्लाम मौलाना महफूज़ुल हसन खां इमामे जुमा शहर व प्रिंसिपल जामिया इमानिया नासिरया ने शबे बराअत की अहमियत पर रोशनी डाली। शबे 15 शाबान विलादते इमामे ज़माना की मुनासिबत से महफ़िल को मौलाना महफूज़ुल हसन खां ने ख़ेताब करते हुए इमामे ज़माना की विलादत (जन्मदिन) की मुबारकबाद मोमनीन को पेश की।
इमामे ज़माना की हयात उनके ज़हूर की आलामात को बयान किया जिन्होंने ग़ैबते इमाम में मोमनीन की ज़िन्दग़ी कैसी होनी चाहिए इस पर रौशनी डाली और आख़िर में इमामे ज़माना के ज़हूर की दुआ की नमाज़े फजर (सुबह) हुज्जत उल इस्लाम मौलाना महफूज़ुल हसन खां की इक़्तेदा (क़यादत) में मोमनीन ने बाजमाअत अदा की। इसके बाद इमामे ज़माना की विलादत 15 शाबान का क़दीमी जुलूस शिया जामा मस्जिद नवाब बाग़ जौनपुर से इमामे जुमा मौलाना महफूज़ुल हसन खां के नेतृत्व में निकलकर शाही पुल तक गया जहां मोमनीन व मोमेनात नज़रो नियाज़ करके दरिया ए गोमती में अपना अरीज़ा डाला।
इस मौके पर शिया जामा मस्जिद नवाब बाग़ के मुतवल्ली/सचिव शेख़ अली मंज़र डेज़ी ने मोमनीन को मुबारकबाद पेश कि जिन्होंने देश और क़ौम की खुशहाली की दुआएं कीं। कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य भूमिका नासिर रजा, अहमद एवं संस्था के सदस्यों की राही शिया जामा मस्जिद प्रबंध कमेटी ने जिला, पुलिस प्रशासन, नगर पालिका परिषद के प्रति आभार जताया।
जौनपुर। शिया जामा मस्जिद नवाब बाग़ में शबे बराअत 14 शाबान की मुनासिबत से आमाले निम ए शाबान अन्जाम दिए गए
इमामे ज़माना के विलादत (जन्मदिन) की शब महफिल हुई। इमामे ज़माना की ग़ैबत (रुपोशी) के दौर में मोमनीन मिसाली ज़िन्दगियां गुज़ारेंजिससे इमामे ज़माना अलैहिस्सलाम हम सबसे राज़ी हो जायं।
इस मौके पर मौलाना महफूज़ुल हसन खां शिया जामा मस्जिद नवाब बाग़ जौनपुर में हर साल की तरह इम साल भी शबे बराअत की मुनासिबत से आमाले निम ए शाबान मोमनीन ने अन्जाम दिये। नमाज़े व दुआएं पढ़ी, फिर हुज्जत उल इस्लाम मौलाना महफूज़ुल हसन खां इमामे जुमा शहर व प्रिंसिपल जामिया इमानिया नासिरया ने शबे बराअत की अहमियत पर रोशनी डाली। शबे 15 शाबान विलादते इमामे ज़माना की मुनासिबत से महफ़िल को मौलाना महफूज़ुल हसन खां ने ख़ेताब करते हुए इमामे ज़माना की विलादत (जन्मदिन) की मुबारकबाद मोमनीन को पेश की।
इमामे ज़माना की हयात उनके ज़हूर की आलामात को बयान किया जिन्होंने ग़ैबते इमाम में मोमनीन की ज़िन्दग़ी कैसी होनी चाहिए इस पर रौशनी डाली और आख़िर में इमामे ज़माना के ज़हूर की दुआ की नमाज़े फजर (सुबह) हुज्जत उल इस्लाम मौलाना महफूज़ुल हसन खां की इक़्तेदा (क़यादत) में मोमनीन ने बाजमाअत अदा की। इसके बाद इमामे ज़माना की विलादत 15 शाबान का क़दीमी जुलूस शिया जामा मस्जिद नवाब बाग़ जौनपुर से इमामे जुमा मौलाना महफूज़ुल हसन खां के नेतृत्व में निकलकर शाही पुल तक गया जहां मोमनीन व मोमेनात नज़रो नियाज़ करके दरिया ए गोमती में अपना अरीज़ा डाला।
इस मौके पर शिया जामा मस्जिद नवाब बाग़ के मुतवल्ली/सचिव शेख़ अली मंज़र डेज़ी ने मोमनीन को मुबारकबाद पेश कि जिन्होंने देश और क़ौम की खुशहाली की दुआएं कीं। कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य भूमिका नासिर रजा, अहमद एवं संस्था के सदस्यों की राही शिया जामा मस्जिद प्रबंध कमेटी ने जिला, पुलिस प्रशासन, नगर पालिका परिषद के प्रति आभार जताया।
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