Jaunpur : इक़बाल और ग़ालिब की शायरी ने आज़ादी के मतवालों में किया ऊर्जा का संचार: सैय्यद नजमुल हसन

जौनपुर। उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी लखनऊ व यूनिवर्सल ह्यूमन वेलफेयर सोसायटी  की ओर से जौनपुर स्थित हिन्दी भवन में मिर्ज़ा ग़ालिब व अल्लामा इक़बाल को समर्पित भारतीय एकता पर आधारित सेमिनार व मुशायरे में शायरों ने पढ़े एक से बढ़ कर एक नग़मे। आयोजक शफक़त अब्बास पाशा व शौकत अली के संयोजन में मुशायरे व सेमिनार की मुख्य अतिथि सैय्यद नजमुल हसन 'नजमी' मैनेजर शिया कालेज जेएनपी, विशिष्ट अतिथि तुफैल अंसारी, डॉ. धर्मेन्द्र शैल, डॉ. अलमदार नज़र का शाल ओढ़ाकर व मोमेन्टो देकर सम्मानित किया गया। अहमद निसार की अध्यक्षता व असलम नक़वी के संचालन में हुए कार्यक्रम की शुरुआत देशभक्ति गीत से हुई। शायर नायाब बलियावी, शहंशाह सोनवी, हैदर कोरालवी, प्रखर जौनपुरी, अकरम जौनपुरी, वहदत जौनपुरी, डॉ. अख्तर सईद, गिरीश श्रीवास्तव, रज़ा नाजिम अशरफ उन्नावी, महमूद फूलपुरी, शादाब बनारसी आदि ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। मुख्य सैय्यद नजमुल हसन ने अल्लामा इक़बाल को उर्दू और फारसी में इनकी शायरी को आधुनिक काल की सर्वश्रेष्ठ शायरी बताया और प्रसिद्ध कविताओं का ज़िक्र करते हुए याद किया। अजय कुमार ने अल्लामा इक़बाल के देशभक्तिपूर्ण तराना ए हिन्द का ज़िक्र करते हुए सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा को पढ़ा। विशिष्ट धर्मेन्द्र शैल ने मिर्ज़ा ग़ालिब का शेर कटी हुई टहनियां कहां छांव देती हैं। हद से ज़्यादा उम्मीदें हमेशा घाव देती हैं पढ़ कर मिर्ज़ा ग़ालिब को श्रद्धांजलि अर्पित किया। आयोजक शफक़त अब्बास पाशा ने 9 नवम्बर 1877 में जन्मे और 1938 में दुनिया से कूच करने वाले अल्लामा इक़बाल की फारसी में लिखी शायरी का उल्लेख करते हुए कहा कि ईरान और अफगानिस्तान में इनकी शायरी लोगों में बहुत प्रसिद्ध हुई। कहा मिर्ज़ा ग़ालिब की शायरी कुछ फारसीमय और कठिन अवश्य है लेकिन उसमें कल्पना की जैसी उड़ान व विचारों के जैसी गहराई है। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण असलम नक़वी व शहंशाह सोनवी का ग़ालिब व इक़बाल का मक़ालमा का प्रस्तुतिकरण रहा जिसकी श्रोताओं ने जमकर सराहना की। कार्यक्रम में शौकत अली, एसए खान, इफ्तेखार आलम ने आगंतुकों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में 52 समाजसेवियों व अपने-अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले योद्धाओं को स्मृति चिह्न भेंटकर व शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। अंत में आयोजक शफक़त अब्बास पाशा ने सभी का आभार प्रकट किया।
Previous Post Next Post
Profile Picture

Ms. Kshama Singh

Founder / Editor

Mo. 9324074534