Jaunpur : ​जैव विविधता के नुकसान के परिणाम चिंताजनक : प्रो. बेचन

जौनपुर। तिलकधारी पीजी कॉलेज के प्राणी विज्ञान विभाग द्वारा 'पर्यावरणीय तनाव और वैश्विक चुनौतियां: वर्तमान परिप्रेक्ष्य' विषय पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आईसीईएसजीसीसीपी-2025 का उद्घाटन किया गया। सम्मलेन के उद्घाटन में मुख्य अतिथि क्लस्टर यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति प्रो. बेचन लाल ने कहा कि जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और जैव विविधता के नुकसान के परिणाम दूरगामी और चिंताजनक हैं। प्रो. बेचनलाल ने सुख-सुविधा के लिए मानव जनित पर्यावरणीय अस्थिरता, जलवायु परिवर्तन और 1.5 डिग्री सेल्सियस तापमान की वृद्धि के परिणामस्वरुप भविष्य में होने वाले विनाशकारी परिवर्तन, जीवों का पृथ्वी से विलुप्त होना, फसलों एवं जैव विविधता की संकट, समुद्रतटीय भौगोलिक स्थितियों में बदलाव के बारे प्रकाश डाला। विशिष्ट अतिथि पूर्वांचल विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने छात्रों के उज्जवल भविष्य हेतु विद्यार्थी जीवन में समयबद्धता और परिश्रम के महत्व को बताया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रबंध समिति के अध्यक्ष प्रो. श्री प्रकाश सिंह ने किया और कार्यवाहक प्राचार्य डॉ. विजय कुमार सिंह ने उपस्थित गणमान्य प्रतिनिधियों का अभिवादन व्यक्त किया। इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का प्रायोजन पूर्वांचल की सबसे पुरानी और प्रतिष्ठित आभूषण फर्म 'गहना कोठी' भगेलू राम, राम जी सेठ जौनपुर द्वारा किया गया जिसके लिए आयोजन समिति ने 'गहना कोठी परिवार' जौनपुर का हृदय से प्रशंसा किया और आभार व्यक्त किया। प्रो. अजय कुमार दुबे ने मंच का संचालन किया। प्रो. जी. नारायण (बीएचयू) ने विभिन्न तरह के प्रदूषित वातावरण में कार्यरत कार्मिकों में कैंसर की उत्पत्ति और कोशिका के विघटन के क्रम के बारे में व्याखाना प्रस्तुत किये। उत्पन्न कैंसर के निदान एवं बचाव में कोशिका इंजीनियरिंग की भूमिका को उजागर किया। डॉ. एके सिंह (वेक्टर और रोग नियंत्रण, वाराणसी) ने  वेक्टर जनित (मच्छरों, दूषितजल, दूषित वातावरण) वैश्विक चुनौतियों पर अपने विचार साझा किये।  संगोष्ठी के समन्वयक प्रो. एसके वर्मा ने उपस्थित अतिथियों एवं विशेषज्ञों का आभार व्यक्त किये। डॉ. प्रेमचंद, सह-समन्वयक, डॉ. अजय कुमार, आयोजन सचिव एवं डॉ. आशा रानी, कोषाध्यक्ष, के रूप में कार्यक्रम में सहभागिता प्रदान किये। आयोजन समिति के सदस्य प्रो. रमेश सिंह, प्रो. अमित श्रीवास्तव, प्रो. सुदेश कुमार सिंह, डॉ. बालमुकुंद सेठ, डॉ. देवव्रत मिश्रा, डॉ. आशुतोष मिश्रा, डॉ. शुभम सिंह, डॉ. ज्ञानेश्वर शर्मा, डॉ. विशाल सिंह एवं डॉ. अवनीश कुमार, चंद्र प्रकाश गिरी ने सहयोग प्रदान किये। संगोष्ठी में विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. धर्मेंद्र सिंह, विभागाध्यक्ष प्रो. आभा सिंह (भौतिकी), प्रो. एसपी सिंह (गणित) एवं प्रो. अरविंद सिंह (वनस्पति विज्ञान) उपस्थित रहे।
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