चंदवक, जौनपुर। वर्तमान परिस्थितियों में विभिन्न कारणों से समाज में जनहानि की अधिकता आ गई है। जनहानि की असह्य पीङा के बावजूद समाज में व्याप्त विकृतियों के कारण त्रयोदशाह कार्यक्रम में अपव्यय करना लोगों की विवशता हो गई है। ऐसे में त्रयोदश संस्कार के नाम पर हो रहे अपव्यय को नियंत्रित करना नितांत आवश्यक हो गया है। उक्त बातें कोइलारी गांव में जनजागरूकता कार्यक्रम के तहत आयोजित त्रयोदश संस्कार की विभीषिका को नियंत्रित करने की आवश्यकता विषयक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए प्रबंधक वीरेंद्र प्रताप सिंह ने कही।
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संगोष्ठी में अन्य वक्ताओं ने त्रयोदश संस्कार के नाम पर समाज में व्याप्त विकृतियों के प्रति लोगों को जागरूक करने पर बल देते हुए कहा कि जनहानि के बाद त्रयोदश संस्कार के नाम पर अपव्यय करना वर्तमान में स्टेटस सिंबल हो गया है। जिसका शिकार आर्थिक रूप से कमजोर लोग हो रहे हैं। लोगों को जागरूक कर अपव्यय पर नियंत्रण करना अतिआवश्यक हो गया है। वक्ताओं ने समाज के प्रभावशाली लोगों का आह्वान किया कि समाज में व्याप्त कुरीतियों को समाप्त करने के लिए कदम आगे बढ़ाएं। संगोष्ठी को त्रिभुवन सिंह, प्रधान संजय सिंह, बनारसी सिंह, डा. राणा प्रताप सिंह ने भी संबोधित किया। संगोष्ठी के संयोजक दिनेश सिंह ने सभी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए संगोष्ठी में आए सुझावों पर अमल करने पर बल दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व प्रमुख के डी सिंह व संचालन गोपाल शर्मा ने किया। इस अवसर पर श्रीप्रकाश सिंह, अखिलेश सिंह, जयकेश सहित अन्य लोग उपस्थित थे।