गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए जिलाध्यक्ष राकेश मौर्य ने कहा कि भगवान विश्वकर्मा जी सृष्टि के शिल्पी, वास्तुकार और अभियंता हैं, जिन्हें देवताओं का निर्माता माना जाता है। उन्होंने ही देवताओं के लिए अस्त्र-शस्त्र, स्वर्ग लोक, सोने की लंका और द्वारकापुरी जैसी दिव्य रचनाएँ की हैं। उन्हें कार्यस्थलों, उद्योगों और औजारों की सुरक्षा, नवाचार और समृद्धि के देवता के रूप में भी पूजा जाता है। हम सभी को सार्थक विचार के साथ नफरत, झूठ, सामंतवाद, साम्राज्यवाद, पूंजीवाद के समूल नाश के लिए समाजवाद की विचारधारा का सृजन करते हुए एक अच्छे समाज का निर्माण करने का संकल्प लेना चाहिए। तभी पीडीए परिवार अपने हक अधिकारों को सुरक्षित रखने एवं उज्जवल भविष्य की कल्पना को साकार कर सकता है।
गोष्ठी को पूर्व एमएलसी लल्लन प्रसाद यादव, पूर्व मंत्री दीपचंद सोनकर, पूर्व विधायक मोहम्मद अरशद खान, प्रदेश सचिव हिसामुद्दीन शाह, प्रदेश सचिव राजेश विश्वकर्मा, ज़िला उपाध्यक्ष हीरालाल विश्वकर्मा, श्यामबहादुर पाल, सोचनराम विश्वकर्मा, अजय विश्वकर्मा, दीपक विश्वकर्मा, राजेंद्र यादव टाइगर, रमापति यादव, अशोक यादव, ऊषा जायसवाल, प्रभानंद यादव, गामा सोनकर, राकेश अहीर, राहुल त्रिपाठी, डॉ जंगबहादुर यादव, नंदलाल यादव, राम अकबाल यादव, अशोक निषाद, डॉ शबनम नाज़, ऊषा जायसवाल, हरिश्चंद प्रभाकर, बरसातू राम सरोज आदि ने संबोधित करते हुए भगवान विश्वकर्मा जी द्वारा सृष्टि के सृजन और निर्माण पर चर्चा किया।
इस अवसर पर पूर्व विधायक श्रद्धा यादव, लालचंद यादव लाले, इरशाद मंसूरी, महेंद्र प्रताप नैपाल, निज़ामुद्दीन अंसारी, राजेश यादव, ऋषि यादव, दिलीप प्रजापति, राकेश पटेल, आनंद गुप्ता, गुड्डू सोनकर, सुशीला यादव, शिवप्रकाश विश्वकर्मा, पिंकी गुप्ता, शिवांगी यादव, धीरज बिंद, प्रदीप पाल, अरविंद यादव, रेखा सिंह, आसिफ शाह, मक्खन यादव, डॉ अनिल यादव, सुभाष बघेल, धर्मेंद्र सोनकर, अरविंद सोनकर, प्रदीप शर्मा, अमजद अंसारी सहित सैकड़ों सपाजन उपस्थित रहे। संचालन ज़िला महासचिव आरिफ हबीब ने किया।
इसे भी देखें | Jaunpur News : सुदामा चरित्र का प्रसंग सुनकर श्रद्धालु हुए भावुक