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कैसे बदलेगी व्यवस्था, बरसात में टपकता है इस प्राथमिक विद्यालय का कमरा

अरशद हाशमी
जौनपुर। प्रदेश सरकार चाहे जितनी भी दावा करें कि प्राथमिक विद्यालयों को मॉडल विद्यालय बनाया जाएगा ताकि अंग्रेजी मीडियम स्कूलों में बच्चों को जाने से रोका जा सके पर यह सारी बातें धरातल पर देखने को नहीं मिल रही है। इसका जीता जागता उदाहरण मिर्दहा वार्ड में मड़ियाहूं नगर के प्राथमिक विद्यालय मडि़याहूं द्वितीय रामनगर की स्थिति इतनी दयनीय हो गई है कि सारे भवन जर्जर हो गये हैं सभी छतों से पानी चू रहा है और इसी भीगी जमीन पर बच्चे टाट बिछाकर पढ़ने को मजबूर हो रहे हैं और दिन में जब बारिश होने लगती है तो सारे बच्चे और अध्यापक बरसात के पानी से नहाकर अपने-अपने घर जाते हैं। 
प्रधानाध्यापक विभा सिंह ने बताया कि भवन इतने जर्जर हो गए हैं कि बरसात के दिनों में गिर भी सकते हैं। जिसकी लिखित जानकारी खंड शिक्षा अधिकारी मंगरु राम को मैंने भेज दिया है कि भवन का निर्माण कराया जाए। जानकारी के अनुसार सन् 1941 में वाजिद अली शाह ने इस विद्यालय का निर्माण कराया था और उनका शिलापट्ट भी विद्यालय पर लगा हुआ है और बाद में प्रदेश सरकार को इन्होंने इस विद्यालय को डोनेट कर दिया था। घनी बस्ती में होने के कारण विद्यालय में बच्चों की संख्या भी अच्छी है। यदि समय रहते विद्यालय के जिम्मेदार लोग कदम नहीं उठाते तो कभी भी अप्रिय घटना घट सकती है।


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