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मछलीशहर : ग्रामीण क्षेत्रों में छुट्टा पशुओं का आतंक

खेतों व पेड़-पौधों की हो रही बर्बादी किसान चिंतित
जौनपुर। मछलीशहर तहसील क्षेत्र में छुट्टा पशुओं के आतंक से किसान चिंतित हैं। छुट्टा पशुओं के कारण जहां खेती की क्षति तो हो ही रही थी अब पेड़ पौधे भी सुरक्षित नहीं हैं। बताते हैं कि जहां क्षेत्रीय किसान बछड़ों के आतंक से काफी परेशान थे अब छुट्टा गायों की भी संख्या काफी बढ़ गई है। ऐसे पशुपालक जिसकी गायें दूध देना बंद कर दे रहीं हैं वे रात के अंधेरे में अपने गांवों की सीमा पारकर दूसरे गांवों में पशुओं को छोड़कर चले जाते हैं। जुड़ऊपुर, खजुरहट, कोढ़ा, जहांसापुर, परसूपुर, मंतरी, घघरिया जैसे अधिकांश गांवों में झुंड के झुंड बछड़े, गायें घूमती दिखाई पड़ जाएंगी। छुट्टा पशु दिन में तो मक्का, अरहर, तिल, धान, सब्जियां आदि फसलों को अपना निवाला बनाती हैं। वहीं रात में बस्तियों में पशुशालाओं में घुसकर भूसा, चारा आदि खाने के साथ पालतू पशओं पर आक्रमण कर घायल भी कर देते हैं। पशुपालक अयोध्या प्रसाद यादव, काशी प्रसाद यादव, रामआसरे, पंधारी सहित दर्जनों किसानों का कहना हैं कि जहां छुट्टा पशुओं से खेतों की सुरक्षा के लिए मचान बनाकर घर के पुरुषों को रखवाली करनी पड़ रही है। वहीं घर की महिलाओं को रात में अपने पशुशाला के दरवाजे पर डंडे लेकर सोना पड़ रहा है। बरसात के मौसम में ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश किसान बागों व घर के सामने तथा खेतों में फलदार व विभिन्न प्रकार के पेड़ लगाते हैं लेकिन इन छुट्टा पशुओं से बच नहीं पा रहे हैं जो गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है जबकि शासन, प्रशासन स्तर से भी कोई समाधान नहीं निकल पा रहा है।


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