- रासायनिक खाद के प्रभाव से मछलियां मरने की रही चर्चा

क्षेत्र के जरौना रेलवे स्टेशन के बगल लगभग चार बीघा के तालाब का पट्टा तहसील और मत्स्य विभाग की ओर से राजकुमार (मूसे) मोदनवाल को मछली पालन के लिए आवंटित किया गया है। राजकुमार का कहना हैं कि किसी ने रात को तालाब में जहरीला पदार्थ डाल दिया। सुबह जब वह तालाब पहुंचा तो मछलियों को अजीब ढंग से तैरते हुए देख उसके मन में कुछ गड़बड़ी की आशंका हुई तो वह तालाब में नीचे उतर कर कुछ मछलियों को बाहर निकाल देखा तो पता चला कि तालाब की ज्यादातर मछलियां मर गयी है। यह देखकर उसके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। आनन-फानन में वह जहरनाशक दवाएं तालाब में डाला लेकिन तब तक जहर अधिक फैल चुका था, जिससे कोई असर नहीं हो पाया और तालाब का पानी जहरीला होने के कारण भारी तादात में मछलियां मर गयी थी। उसने बताया कि चार बीघा जमीन के तालाब में करीब एक लाख मछलियों को छोड़ा था। उसने लोगों की मदद से तालाब की मछलियों को निकलवाकर एक गहरे गड्डे में दबाने का काम किया। इसके बाद उसने मत्स्य विभाग के उच्चाधिकारियों को सूचना दे दिया है। वहीं कुछ लोगों का कहना रहा कि बरसात अधिक होने से तालाब एवं खेतों का जल एक हो गया जिससे खेतों में डाले गये रासायनिक खाद के प्रभाव के चलते मछलियां मर गयी।
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