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जौनपुर सिटी : जिले के इतिहास में पहली बार डीआईओएस ने उठाया यह कदम, मचा हड़कम्प

जौनपुर। जिले के इतिहास में पहली बार किसी जिला विद्यालय निरीक्षक ने अपना स्वयं का वेतन रोकने के साथ-साथ 10 बाबूओं का वेतन रोक दिया है। उन्होंने यह कदम हाईकोर्ट में काउंटर न लगाने पर किया है। आंकड़े के मुताबिक पुराने लगभग 140 मामलों में काउंटर नहीं लगाए गए हैं। काउंटर न लगाने पर हाईकोर्ट की फटकार लगाने से पूर्व ही जिला विद्यालय निरीक्षक ने अपने मातहतों पर शिकंजा कस दिया है। जिला विद्यालय निरीक्षक के निर्देश के बावजूद अपने-अपने तहसील के मामलों में बाबूओं ने हाईकोर्ट में काउंटर नहीं लगाया है। कार्य में लापरवाही करने के आरोप में सभी बाबूओं का जिला विद्यालय निरीक्षक ने तब तक वेतन रोकने का आदेश दिया है जब तक सभी मामलों में सही ढंग से काउंटर नहीं लग जाता है। जिला विद्यालय निरीक्षक के इस कड़े कदम से शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है क्योंकि जिले के इतिहास में पहली बार कोई जिला विद्यालय निरीक्षक बाबूओं का वेतन रोकने के साथ-साथ अपना भी वेतन रोक दिया है।
गौरतलब हो कि माध्यमिक शिक्षा एवं प्राथमिक शिक्षा के हाईकोर्ट में इतने अधिक मामले हैं कि आये दिन किसी न किसी केस में काउंटर लगाने के लिए बाबूओं को हाईकोर्ट जाना पड़ता है। जिला विद्यालय निरीक्षक को भी किसी-किसी मामले में हाईकोर्ट के तलब करने पर काउंटर लगाने के लिए जाना पड़ता है। बताते चलें कि जिले में शिक्षा महकमा में नियुक्ति व वेतन के इतने अधिक मामले हाईकोर्ट में चल रहे है कि कोई भी नया अधिकारी आने के बाद एक बार भौचक्क हो जाता है। तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षकों द्वारा अपने कर्तव्यों का सही ढंग से निर्वहन न करने के कारण ही 140 पुराने मामलों में अभी तक काउंटर नहीं लगाया गया है। मौजूदा जिला विद्यालय निरीक्षक पर पुराने मामलों का अधिक भार आ गया है उसका निस्तारण सही ढंग से हो और समय पर काउंटर लगाया जाय इसको लेकर काफी गंभीर हो गए है। काउंटर लगाने में बाबूओं की हीलाहवाली को देखते हुए उन्होंने यह कड़ा कदम उठाया है।
इस संबंध में जिला विद्यालय निरीक्षक बृजेश कुमार मिश्रा ने बताया कि जब पुराने मामलों में काउंटर नहीं लग जाता है तब तक न मैं वेतन लूंगा और न बाबूओं को मिलेगा।

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