जौनपुर। शासन के निर्देश पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने शिक्षा मित्रों का समायोजन करते हुए उनको उनके मूल विद्यालय पर पदभार ग्रहण करने का आदेश जारी किया है। यह तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है ताकि सभी शिक्षा मित्र अपने-अपने मूल विद्यालय पर पदभार ग्रहण कर ले जिससे पठन-पाठन का कार्य प्रभावित न होने पाए। ग्रहण करने का अंतिम तिथि 21 अगस्त निर्धारित की गई है। यह कदम इसलिए उठाया गया है कि समायोजन के दौरान अधिकांश शिक्षा मित्र अपने गांव से काफी दूर चले गए और उन्हें आने जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस नयी व्यवस्था से शिक्षा मित्रों की समस्या का समाधान हो जाएगा।
गौरतलब हो कि बीते 23 अगस्त 2006 द्वारा शिक्षा मित्र योजना का कार्यान्वयन मुख्य रूप से ग्रामीण शिक्षित युवा शक्ति को अपने ही ग्राम में शिक्षा के आलोक को सामुदायिक सेवा के रूप में प्रज्वलित करने के लिए उन्हें उत्प्रेरित करने के लक्ष्य को दृष्टिगत रखते हुए प्रारंभ की गई थी। जिसके तहत प्रत्येक गैर नक्सल प्रभावित जनपदों के प्राथमिक विद्यालयों में अधिकतम दो शिक्षा मित्रों को तैनात किए जाने का प्राविधान रखा गया था। जिसके सापेक्ष ग्राम / सेवा शिक्षा समिति के माध्यम से इनका चयन इस प्रतिबंध के साथ किया जाना था कि संबंधित आवेदन उसी वार्ड/ग्राम पंचायत का मूल निवासी हो। जनपद में लगभग 32 सौ शिक्षा मित्र है। आदेश में यह दर्शाया गया है कि संशोधित के अनुपालन में उनको उनके मूल विद्यालय पर शिक्षा मित्र के पद पर प्रतिमाह 11 माह तक नियत मानदेय 10 हजार रूपये की संविदा पर प्रत्यावर्तित किया जाता है तथा आदेशित किया जाता है कि आदेश निर्गत होने की तिथि से एक सप्ताह के भीतर अपने मूल विद्यालय पर कार्यभार ग्रहण कर लें। शिक्षा मित्रों की सेवा शर्ते उनके समायोजन के पूर्व की सेवा शर्तो के अनुरूप रहेगी। इस संबंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डा. राजेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि शासन के निर्देश पर शिक्षा मित्रों को उनके मूल विद्यालय पर जाने के लिए आदेश निर्गत किया गया है।
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