जौनपुर। टीडी कालेज प्राचार्य डा. विनोद कुमार सिंह की पिटाई से आक्रोशित छात्रों ने शनिवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर धरना दिया। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में छात्रों ने हंगामा किया। एक दिन पहले बीएससी एजी के छात्र संग मामला हुआ था। इसको लेकर छात्रों ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर प्राचार्य पर कार्रवाई की मांग किया। करीब दो घंटे तक चले प्रदर्शन में अनुशास्ता मंडल ने छात्रों को समझा-बुझाकर वापस लौटा दिया था
पर करीब दो बजे छात्रों का गुट लाइन बाजार थाना पहुंचा। वहां छात्रों ने एक दिन पूर्व बीएससी एजी छात्र मणिप्रकाश शुक्ल की प्राचार्य द्वारा पिटाई के मामले में कार्रवाई को लेकर ज्ञापन देना चाहा। इस पर थानाध्यक्ष ने कहा कि वह प्रशासनिक अधिकारी नहीं है ऐसे में वह ज्ञापन नहीं ले सकते। इसके बाद छात्र कलेक्ट्रेट पहुंचकर धरना देने लगे, इस दौरान अन्य छात्र-छात्राओं को भनक हुई तो इनकी संख्या भी सैकड़ों में हो गई। छात्रों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर जमकर हंगामा व नारेबाजी की। प्रशासनिक अधिकारी को सौंपे पत्र में कहा कि शशि प्रकाश बीएससी एजी द्वितीय वर्ष का छात्र है।
उसके मुताबिक सात सितंबर को सुबह शून्य घंटा के निरस्त हो जाने के कारण वह अध्ययन के लिए लाइब्रेरी हॉल जा रहा था। करीब 9.35 बजे तक बलरामपुर कार्यालय के पास सामने से प्राचार्य आ रहे थे। उनके पूछने पर उसने बताया कि मैं लाइब्रेरी हॉल जा रहा हूं, तभी उसे अनायास मारा गया। पुन: आगे आ जाने पर उन्हीं के द्वारा पीछे से उसकी चुंडी पकड़कर फिर मारा गया। इस संबंध में थानाध्यक्ष लाइन बाजार को सूचित किया गया है। कलेक्ट्रेट में चल रहे छात्रों के धरना-प्रदर्शन को कालेज के चीफ प्राक्टर डा. राजीव रतन सिंह, डा. हरिओम त्रिपाठी ने समझा-बुझाकर मामला किसी तरह से खत्म कराया। इस मौके पर छात्रनेता गौरव सिंह, ओम पांडेय, मणिप्रकाश शुक्ल, उद्देश्य सिंह, सत्यम त्रिपाठी, कौतुक उपाध्याय, अंजनी कुमार उपाध्याय आदि मौजूद रहे।
"नहीं हुई छात्र की पिटाई"
इस बाबत टीडी कालेज के चीफ प्राक्टर डा. राजीव रतन सिंह ने कहा कि प्राचार्य की तरफ से किसी भी छात्र की पिटाई नहीं हुई। एक दिन पूर्व छात्रों की चेकिंग की गई थी। इसमें काफी ऐसे बाहरी मिले जो सफेद शर्ट पहनकर कालेज के छात्र बन जाते है। इसको रोकने के लिए कड़ाई के लिए छात्रों का आई कार्ड व फीस रसीद चेक किया जा रहा है। इसको लेकर छात्रनेता मामले को तूल पकड़ा रहे हैं। एक दिन पहले जबरन कक्षा को खाली कराकर लालटेन से शिक्षक को खोजने का झूठा कार्यक्रम किया गया।
"अपनी तानाशाही को बरकरार रखने के लिए प्राचार्य ने उठाया ऐसा कदम"
गौरव सिंह का कहना है कि प्राचार्य महाविद्यालय के गिरते हुए शिक्षा स्तर को न सुधारकर अपनी छात्र-छात्राओं में धमक बनाने के लिए इस प्रकार का कृत्य कर रहे हैं जो कि एक प्राचार्य को शोभा नहीं देता है।
Tags
Jaunpur