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सुरेरी : धांधली की शिकायत पर गांव में जांच करने पहुंचे जांच अधिकारी

सुरेरी, जौनपुर। विकासखंड रामपुर के पृथ्वीपुर गांव में ग्रामीणों द्वारा की गई शिकायत पर गांव में जांच करने पहुंचे जांच अधिकारी ने ग्राम सभा में कराये गये सभी विकास कार्यों का मौके पर पहुंचकर जांच किया।
बताते हैं कि स्थानीय क्षेत्र के पृथ्वीपुर गांव निवासी बच्चन सिंह ने डीएम को प्रार्थना पत्र देकर गांव में धांधली का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की थी। वहीं उनका आरोप था कि ग्राम सभा में प्रधान द्वारा 2010 से लगायत आज तक बिना कार्य कराए धांधली करके सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया है। जिसकी शिकायत पर डीएम द्वारा शिक्षा विभाग के आरा जौनपुर गवर्नमेंट इंटर कालेज के प्रधानाचार्य ब्राहृजीत यादव व पीडब्लूडी जौनपुर के इंजीनियर अमित सिंह को जांच अधिकारी नामित किया गया था। शनिवार को दोपहर गांव में पहुंचे जांच अधिकारी द्वारा शिकायतकर्ता की शिकायत पर गांव में बने खड़ंजा मार्ग, नाली निर्माण व विद्यालय की बाउंड्रीवाल की जांच किए शिकायतकर्ता बच्चन सिंह का आरोप था कि गांव में बना खड़ंजा मार्ग उमा के खेत से संदीप के घर तक जिसकी लागत 1,70,000/- रुपये थी जिसे 2016 में निर्मित दिखाकर प्रधान द्वारा पैसा निकाल लिया गया जबकि उक्त खड़ंजा 2007 में गांव के पूर्व प्रधान जगयी द्वारा निर्मित करवाया गया था। पक्की सड़क से प्राथमिक विद्यालय तक खड़ंजा रिपेयर जिसकी लागत 1,60,000/- बिना कार्य के ही निकाल लिया गया। पूर्व माध्यमिक विद्यालय से संतराज के मकान तक खड़ंजा रिपेयर जिसकी लागत 1,20,000/- जिसको ग्राम प्रधान द्वारा पूर्व में हुए कार्यों को अपने कार्यकाल में दिखाकर फर्जी तरीके से धन निकाल कर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया और वहीं पक्की सड़क से अकबाल सिंह के दरवाजे तक खड़ंजा निर्माण जिसकी लागत 1,70,000 रुपये, मंदिर से भोला के घर तक खड़ंजा निर्माण लागत 2,10,000 रुपये, सुरेंद्र के हैंडपंप से तालाब तक नाली निर्माण जिसकी लागत 1,10,000 रुपये का कार्य तो कार्य धरातल पर दिखा ही नहीं इन कार्यों को महज कागजातों पर पूर्ण दिखाकर धन निकाल लिया गया और पूर्व माध्यमिक विद्यालय की बाउंड्रीवॉल के नाम पर 5,50,000 धन निकाले जबकि विद्यालय के बाउंड्रीवाल में उतने धन खर्च नहीं हुए। विद्यालय परिसर में तीन बार मिट्टी पटाई का कार्य दिखाकर क्रमश: 40,000, 50,000 व 60,000 धन निकाल लेने व गांव में बिना शौचालय व आवास पूर्ण किए ही धन का बंदरबांट का भी आरोप था। जांच अधिकारी द्वारा शिकायतकर्ता के प्रत्येक शिकायत का मौके पर जाकर जांच किये जांच में आवास के लाभार्थी पन्ना विश्वकर्मा, मेवा विश्वकर्मा, श्रवण कुमार विश्वकर्मा, स्नेही विश्वकर्मा, रिंकू कहार समेत 25 लाभार्थियों के आवास की जांच किये जिसमें 20 आवास अपूर्ण मिले जिसमें कुछ के छत को कुछ का फर्श प्लास्टर तो कुछ दीवाल ही अपूर्ण था और कागजातों पर दिखाये गये कुछ खड़ंजा मार्ग व नाली निर्माण तो धरातल पर दिखा ही नहीं और धन निकाल लिया गया। इस संदर्भ में जांच अधिकारी ब्राहृजीत यादव (प्रधानाचार्य) व अमित सिंह इंजिनियर पीडब्लूडी ने बताया कि शिकायत काफी हद तक सही मिला कुछ शिकायतों की पुष्टि नहीं हो सकी अभी जांच जारी है जबकि गांव के वर्तमान प्रधान गायत्री देवी  की मानें तो सारे आरोप निराधार है। राजनीतिक द्वेष के कारण विकास कार्यों की जांच करायी जा रही है।

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