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जफराबाद : समाजसेवी चिराग अली की मनायी गयी आठवीं पुण्यतिथि

जफराबाद, जौनपुर। महापुरूषों की आत्माएं कहीं जाती नहीं हैं बल्कि उनके कर्मस्थल में ही विलीन हो जाती है। जिन्हें हम दिव्य आत्मा कहते हैं जो की आज भी हमारा मार्गदर्शन करती है। साथ ही साथ हमें उनके पदचिन्हों पर चलना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। यह बातें व्यापार मंडल के अध्यक्ष उमाकान्त गिरि ने कही। वह कस्बे के नासही स्थित विद्यालय एमएच कान्वेट के संस्थापक चिरागअली की पुण्यतिथि पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि चिराग अली ऐसी ही दिव्य आत्मा थे। प्रबंधक इजहार हुसैन ने कहा कि उन्हें जो विद्यालय रूपी बगिया लगायी है आज उससे हजारों हजार लोग लाभान्वित हो रहे है। उन्होंने विद्यालय के सभी अध्यापकों को संदेश देते हुए कहा कि आज की बदलती शिक्षा परिवेश के अनुरुप अपने आपको ढालने की आवश्यकता है। ताकि आने वाली पीढ़ी को हम बेहतर और रोजपरक शिक्षा मुहैया उपलब्ध करा सकें। प्रधानाचार्य निशी आब्दी ने कहा कि चिरागअली को विद्यालय चलाने में आने वाली झंझावतों के निबटने बखूबी आता था। वह अपनी मधुर वाणी से लोगों को मोह लेते थे। अध्यापक संदीप ने कहा कि हम लोगों ने तो उनके बारे में जितना सुना है उससे लगता हैं कि वास्तव में उन दिनों में समस्याओं को झेलते हुए चिरागअली ने जी विद्यालय की नींव रखी। शिक्षक रूपेश शरद ने कहा कि चिरागअली के चरित्र चित्रण से मानो ऐसा लगता हैं कि वे इस विद्यालय के कण-कण में विद्यमान हैं। इसके पूर्व पूरे विद्यालय परिवार ने चिरागअली की चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की।

  

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