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Jaunpur Live : इस्लाम में किसी पर ज़ुल्म करने वाला मुसलमान नहीं हो सकता : मोहम्मद मासूम

जौनपुर। करंजाखुर्द करंजाकलां ब्लाक में मुहर्रम का जुलूस निकला जिसमें मरहूम दरोगा जी के घर के इमामबारगाह में मजलिस हुई। नजफ़ साहब ने अपने हमनवां के साथ सोज़ख़्वानी पेश की और मजलिस को ज़ाकिरे अहलेबैत सैय्यद मोहम्मद मासूम ने खेताब किया।



उन्होंने कहा कि इमाम हुसैन अ0स0 की शहादत इंसानियत का पैगाम देती है। इस्लाम में किसी भूखे की भूख मिटाने से पहले उसका धर्म को नहीं पूछा जाता। इस्लाम में किसी पर ज़ुल्म करने वाला मुसलमान नहीं हो सकता। इस मोहर्रम के महीने में आज से 1379 साल पहले पैगम्बर हज़रत मोहम्मद स0व0 के नवासे को भूखा, प्यासा, बेदर्दी के साथ कर्बला में शहीद कर दिया गया जिसकी याद में हर साल मोहर्रम के महीने में सारी दुनिया के मुसलमान शोक मनाते है और इमाम हुसैन अ0स0 को याद करके आसूं बहाते है। इन आंसूओं से इंसानियत का पैगाम देते है इसके बाद उन्होंने कर्बला में हुसैन अ.स. के ऊपर हुए ज़ुल्म को बयान किया जिसको सुनकर सभी मुसलमान रोते हुए मातम कर रहे थे।



इसी बीच हज़रत अब्बास अ.स. का अलम जुल्जनाह हज़रत अली असगर अ.स. का ताबूत बरामद हुआ। करंजाखुर्द गांव की अंजुमन शमशीरे हैदरी, अज़ाए हुसैन कदीम, अज़ाए हुसैन बबरखां दकख्खिनपट्टी ने नौहा मातम करते हुए जुलूस को गांव के ही सदर इमामबाड़ा से होते हुए पूरे गांव में गश्त किया। जुलूस के हमराह फैसल हसन तबरेज़, अज़ादार हुसैन, हसनैन कमर दीपू, रिज़वान हैदर राजा, शाहिद मेंहदी, सुल्तान हैदर, असलम ज़ैदी, इमरान ज़ैदी, शिराज़ ज़ैदी, मो. अली एडवोकेट, वसी हसन, शानू, फैज़ान, गांधी, शजर मौजूद रहे। जुलूस के आखिर में आज़म ज़ैदी ने जुलूस में आये हुए मोमनीन को तबर्रुक देते हुए नम आँखों से विदा किया।

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