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Jaunpur Live : कयामत तक मनाते रहेंगे इमाम हुसैन का गम : मौलाना कसीम अब्बास

  • या हुसैन, या अब्बास की सदां के साथ गूंजता रहा शहर
  • शबीहे ताबूत अलम और जुलजनाह का मिलन देख लोग हुए गमजदा
  • सातवीं मोहर्रम मंगलवार को निकला मातमी जुलूस

जौनपुर। कर्बला के शहीद हजरत इमाम हुसैन और 71 साथियों की याद में सातवीं मोहर्रम को जिले में कई स्थानों पर मातमी जुलूस निकाला गया। जिसमें अंजुमनों ने दर्द भरे नौहें पढ़ने के साथ-साथ जंजीर और छुरियों का मातम कर नजराने अकीदत पेश किया। 


नगर के बलुआघाट स्थित हाजी मोहम्मद अली खां के इमामबाड़े में सातवीं मोहर्रम के ऐतिहासिक जुलूस की मजलिस बिजनौर से आये मौलाना कसीम अब्बास ने पढ़ते हुए कहा कि कर्बला को शायद ही कोई भुला सकता है जिस तरह से हजरत अली और उनके बेटों ने इस्लाम को बचाने के लिए अपना भरा घर लूटा दिया वो कयामत तक लोग याद रखते रहेंगे। कर्बला में इमाम हुसैन ने अपने छोटे बच्चों को भी राहे हक पर कुर्बान कर दिया। यही वजह है कि आज पूरी दुनिया में उनका गम मनाया जा रहा है। इसमें सभी सम्प्रदाय के लोग शामिल होते है। हम सब उनके बताये हुए रास्ते पर चले तो इस दुनिया से आतंकवाद पूरी तरह से समाप्त हो सकता है। कर्बला में उस वक्त सबसे बड़ा आतंकवाद यजीद का था जिसने अपनी सारी हदें पार करते हुए हजरत मोहम्मद मुस्तफा (स.अ.) के नवासों को तीन दिन का भूखा प्यासा, शहीद कर दिया था। आज उन्हीं की याद में हम लोग मजलिस मातम और नौहा पढ़कर उनको नजराने अकीदत पेश कर रहे है। मजलिस के बाद शबीहे ताबूत अलम और जुलजनाह निकाला गया। जिसमें अंजुमन हुसैनिया नौहाख्वानी और सीनाजनी करते हुए जुलूस को नवरोज के मैदान तक ले गयी जहां एक तकरीर को खेताब करते हुए गुलामुल सकलैन ने कहा कि कर्बला की याद में आज छोटे-छोटे बच्चे हाथों में अलम लेकर इस्लाम का परचम ऊंचा कर रहे है वहीं घरों के अंदर अजाखानें सजे है और दिन रात नौहा मातम कर सभी अजादार इमाम हुसैन का गम मनाने में डूबे है। तकरीर के बाद इमामबाड़े से शबीहे तुर्बत और झुला अली असगर निकाला गया जिसे अलम, ताबूत और दुलदुल से मिलाया गया। जुलूस पुन: हाजी मोहम्मद अली के इमामबाड़े में जाकर समाप्त हुआ।


इसी क्रम में करंजाकला ब्लाक के करंजाखुर्द में सातवीं मोहर्रम का जुलूस दरोगा जी के इमामबारगाह में मजलिस हुई। मजलिस में नवाज हैदर व उनके हमनवां ने सोजख्वानी की, सैय्यद मोहम्मद सुल्तान हैदर ने जनाबे हजरत कासिम (अ.स.) की मुनासबत से अपनी तकरीर किया। जिसके बाद शबीहे अलम निकाला गया और पूरे गांव में गश्त किया। गश्त करते हुए गांव के इमामबारगाह के मैदान में अंगारे का मातम किया। जुलूस में आजम जैदी, मोहम्मद अली एडवोकेट,असलम जैदी, सलमान हैदर, हसीन भाई, वसी हैदर,  फैजान हैदर, तशशन भाई, शिराज हैदर जैदी, इमरान जैदी,शानू गांधी, आजम आब्दी, विनोद यादव, पंकज और गांव दूर से आये हुए मोमनीन मौजूद रहे


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