Jaunpur Live : पूविवि जौनपुर का बटवारा किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहींः डा. ब्रजेश यदुवंशी

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर का बटवारा किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। इसके लिये चाहे जितना भी बड़ा आंदोलन करना पड़े। उक्त विचार पूर्वांचल विश्वविद्यालय छात्र महासंघ के पूर्व अध्यक्ष डा. ब्रजेश कुमार यदुवंशी ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति के माध्यम से व्यक्त किया। उन्होंने आगे कहा कि गोरखपुर विश्वविद्यालय से जौनपुर अलग होकर 1987 में 12 जनपदों से सम्बद्ध महाविद्यालयों को मिलाकर पूर्वांचल विश्वविद्यालय बना किन्तु विश्वविद्यालय का यह दुर्भाग्य रहा है कि जब भी विकास के नये आयाम स्थापित करने की दिशा में अग्रसर हुआ तो उसको विभाजन की विभीषिका से दो-चार होना पड़ा। पिछली बसपा सरकार में मिर्जापुर, सोनभद्र, चंदौली, वाराणसी, बलिया, भदोही एवं इलाहाबाद जनपदों के लगभग 400 महाविद्यालयों को महात्मा काशी विद्यापीठ से जोड़ दिया गया। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय सम्बद्ध महाविद्यालयों को लेकर प्रगति के रास्ते पर बढ़ रहा है जबकि विद्यापीठ को शासन द्वारा अनुदान भी मिलता है। अन्त में डा. यदुवंशी ने कहा कि फिर से पूर्वांचल विश्वविद्यालय के दायरे को कम करने की कोशिश की जा रही है जो विश्वविद्यालय के हित में नहीं है। मऊ व गाजीपुर जनपद को पूविवि से अलग करके बलिया विश्वविद्यालय से जोड़ने का षड्यंत्र किया जा रहा है जो दुर्भाग्यपूर्ण है जबकि बलिया विश्वविद्यालय अनुदानित की श्रेणी में आता है। बलिया विश्वविद्यालय के स्थापना के समय से ही यह निर्धारित था कि इसमें केवल बलिया जनपद के ही महाविद्यालय सम्बद्ध रहेंगे तो आखिर यह घिनौना खेल क्यों खेलने की कोशिश की जा रही है। पूविवि जौनपुर को शासन से कोई अनुदान भी नहीं मिलता है। यदि पूविवि का बटवारा होगा तो विश्वविद्यालय को आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ेगा।


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