- फर्जी आईडी से हुआ दो करोड़ का घोटाला
- 6 सितम्बर तक विभाग को नहीं हुई जानकारी
- जानकारी होने के बाद लापरवाही बरत रहा विभाग
जौनपुर। सहायक अभियंता राजस्व (एईआर) की फर्जी आईडी बनाकर जालसाजों द्वारा दो करोड़ का फर्जीवाड़ा करने के मामले का धीरे-धीरे परत खुल रही है। विभाग की फर्जी आईडी बनाकर जालसाजों ने दो करोड़ का चूना लगा दिया। इस मामले की जानकारी विभाग के उच्चाधिकारियों को 15 दिन बाद हुई। जिसके बाद भी विभाग द्वारा अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाकर कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति की गयी। मामला मछलीशहर विद्युत उपकेंद्र का है।
जालसाजों ने बिजली विभाग को दो दिन में ही दो करोड़ का चूना लगा दिया वहीं विभाग के उच्चधिकारियों को घटना होने के 15 दिन बाद जानकारी होना तथा जानकारी होने के चार दिन बाद 11 सितम्बर को मुकदमा दर्ज कराना भी सवालों के घेरे में आता है जबकि दूसरी तरफ 21, 22 अगस्त को दो दिन में ही जालसाजों ने तेजी दिखाते हुए विभाग के उपभोक्ताओं के बिल में फर्जीवाड़ा कर इतना बड़ा घोटाला कर दिया। विभाग द्वारा इतने दिनों तक मामले की जानकारी न होना भी जालसाजों के लिये फायदेमंद रहा। जिससे वह इतना बड़ा फर्जीवाड़ा कर पुलिस की गिरफ्त से दूर है।
विभागीय सूत्रों की मानें तो घोटालेबाजों द्वारा 751 विद्युत उपभोक्ताओं की लिस्ट भी पहले से ही तैयार की गई थी। जिसे फेक आईडी के माध्यम से दो दिनों में पूर्ण कर दो करोड़ का फर्जीवाड़ा कर दिया गया। दूसरी तरफ विभाग 15 दिन बाद जब मामले की जानकारी हुई तो कार्रवाई के नाम पर सिर्फ एक अज्ञात राजेश यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाकर कोरमपूर्ती कर ली गई। जब मामले की और तह में जाया गया पता चला विभाग द्वारा नई आईडी मंगाने का अधिकार केवल विभाग के एईआर को होता हैं तो अन्य किसी के द्वारा कैसे नई आईडी वाराणसी से खोलने की मांग की गई।
इस बाबत मछलीशहर अधिशासी अभियंता रामानंद मिश्र ने बताया कि अभी भी पूरे जिले में यह सीट खाली है। जिले के अभी किसी स्थान पर एईआर की तैनाती नहीं हुई है।
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