Jaunpur Live News Network
जौनपुर लाइव न्यूज नेटवर्क
जौनपुर। जनपद के बक्शा क्षेत्र के भूतहां गांव में आदर्श धर्म मण्डल रामलीला समिति के तत्वावधान में चल रही रामलीला में बीती रात सीता स्वयंवर व परशुराम-लक्ष्मण सवांद का भावपूर्ण मंचन किया गया। इसके पहले रामलीला का शुभारम्भ समाजसेवी अखिलेश सिंह के बड़े भाई गुलाब सिंह ने फीता काटकर एवं राम-सीता की आरती उतारकर किया। तत्पश्चात् चल रहे सीता स्वयंवर में जब उपस्थित राजाओं ने धनुष हीला न सके तो राजा जनक के मन में बेटी विवाह को लेकर चिंता व्याप्त हो गयी। ऐसे में जहां लक्ष्मण का क्षत्रिय पुरूषार्थ जागृत हो उठा, वहीं विश्वामित्र ने राम को संकेत कर जनक का संताप दूर करने को कहा। इस पर रानी जब श्रीराम को धनुष शाला की ओर बढ़ते देखती हैं तो वे राजा से बालक को रोकने का आग्रह करती हैं। मगर ज्ञानी विदेह राज को विश्वामित्र के निणर्य पर अटल विश्वास था, इसलिये वे चुप रहते हैं। अन्त में राम के शिव धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाकर डोरी खीचते ही धनुष टूट जाता है। इसके बाद राम के गले में सीता वरमाला डालकर वरण करती हैं। इस दौरान राम के जयकारे से पूरा वातावरण गुंजायमय हो उठा। फिर लक्ष्मण व परशुराम के संवाद सुनकर दर्शक रोमांचित हो जाते हैं। इस अवसर पर प्रेम प्रकाश सिंह, बाबादीन सिंह, विवेक सिंह, जंग बहादुर सिंह, सत्यम सिंह, मयंक, सुनील सिंह, मनोज श्रीवास्तव, सत्य प्रकाश सिंह, बब्बू सिंह, सोनू सिंह, पंकज सिंह, सौरभ सिंह, कृष्ण, सूरज, डब्लू सिंह, आमी हसन सहित तमाम लोग उपस्थित रहे। अन्त में ग्राम प्रधान राजेश सिंह ने समस्त आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त किया।
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जौनपुर। जनपद के बक्शा क्षेत्र के भूतहां गांव में आदर्श धर्म मण्डल रामलीला समिति के तत्वावधान में चल रही रामलीला में बीती रात सीता स्वयंवर व परशुराम-लक्ष्मण सवांद का भावपूर्ण मंचन किया गया। इसके पहले रामलीला का शुभारम्भ समाजसेवी अखिलेश सिंह के बड़े भाई गुलाब सिंह ने फीता काटकर एवं राम-सीता की आरती उतारकर किया। तत्पश्चात् चल रहे सीता स्वयंवर में जब उपस्थित राजाओं ने धनुष हीला न सके तो राजा जनक के मन में बेटी विवाह को लेकर चिंता व्याप्त हो गयी। ऐसे में जहां लक्ष्मण का क्षत्रिय पुरूषार्थ जागृत हो उठा, वहीं विश्वामित्र ने राम को संकेत कर जनक का संताप दूर करने को कहा। इस पर रानी जब श्रीराम को धनुष शाला की ओर बढ़ते देखती हैं तो वे राजा से बालक को रोकने का आग्रह करती हैं। मगर ज्ञानी विदेह राज को विश्वामित्र के निणर्य पर अटल विश्वास था, इसलिये वे चुप रहते हैं। अन्त में राम के शिव धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाकर डोरी खीचते ही धनुष टूट जाता है। इसके बाद राम के गले में सीता वरमाला डालकर वरण करती हैं। इस दौरान राम के जयकारे से पूरा वातावरण गुंजायमय हो उठा। फिर लक्ष्मण व परशुराम के संवाद सुनकर दर्शक रोमांचित हो जाते हैं। इस अवसर पर प्रेम प्रकाश सिंह, बाबादीन सिंह, विवेक सिंह, जंग बहादुर सिंह, सत्यम सिंह, मयंक, सुनील सिंह, मनोज श्रीवास्तव, सत्य प्रकाश सिंह, बब्बू सिंह, सोनू सिंह, पंकज सिंह, सौरभ सिंह, कृष्ण, सूरज, डब्लू सिंह, आमी हसन सहित तमाम लोग उपस्थित रहे। अन्त में ग्राम प्रधान राजेश सिंह ने समस्त आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त किया।
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