जौनपुर लाइव। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स के आह्वान पर मंगलवार को सायं 5 बजे के बाद जेसीस शाखा पर बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों ने बैंक ऑफ बड़ौदा, देना एवं विजया बैंक के विलय के खिलाफ एवं 11वां द्विपक्षीय समझौता अविलम्ब न लागू होने के विरोध में प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों को यूपी बैंक इम्पाइज बैंक के जिलामंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार एनपीए ऋण वसूली के लिए सख्त कानून के बजाय उपरोक्त तीनों बैंकों के बोर्ड को विलय करने करने की हरी झंडी देदी है। बैंकों का विलय एक आत्मघाती कदम है, जो देशहित में नहीं है। बैंकिंग सेवाओं का जो अनवरत सिलसिला शुरु हुआ वह राष्ट्रीयकरण की ही देन हैं। यदि यह सरकारी संरक्षण में बैंकों की दुर्दशा और लूट-पाट का सिलसिला चला लुटेरे बैंक लूट कर विदेश भाग गये और सरकार लाचारी दिखाकर हाथ खींच रही है। उससे लगता है कि यह मर्जर भी देशहित में न होकर कोई बहुत बड़ी चालाकी है। जिसका हर स्तर पर विरोध आवश्यक है। यूपी बैंक इम्पाइज के अध्यक्ष के अध्यक्ष एसएन जायसवाल ने कहा कि सरकार बैंक कर्मियों को आपस में लड़ाने की नीति अपना रही है। एक तरफ सरकार जल्द से जल्द वेतन समझौते की बात मीडिया के माध्यम से करती है, दूसरी तरफ इंडियन बैंक एसोसिएशन को यह सरकार संकेत करती है कि बैंककर्मियों का समझौता परफारमेंस बेस पर होना चाहिए, जिसका यूएफबीयू विरोध करती है। सभा को आशीष श्रीवास्तव, अंकित सिंह, कृ ष्णा यादव, वीपी श्रीवास्तव, रमन सिंह, कमलेश मिश्रा, नीरज सिंह, दुष्यंत, इंदर, अशोक शुक्ला, आशुतोष, संतोष, पन्नालाल, मनीष, अजीत सिंह, देवांश सिंह, संजय पाण्डेय, जमुना प्रसाद, रश्मि एवं तन्या शर्मा इत्यादि ने सम्बोधित किया।


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