- अंजुमन हुसैनिया की शब्बेदारी में रातभर हुआ नौहा मातम
- पूरी रात देश की मशहूर अंजुमनों ने पेश किये दर्द भरे नौहे किया मातम
Jaunpur Live News Network
जौनपुर लाइव न्यूज नेटवर्क
जौनपुर। नगर के बलुआघाट मोहल्ला स्थित मकबूल मंजिल में गुरुवार की रात अंजुमन हुसैनिया की ओर से हिन्दू मुस्लिम एकता का प्रतीक कदीम ऐतिहासिक तरही आल इंडिया शब्बेदारी 78 व दौर सम्पन्न हुआ। जिसमें देश की मशहूर अंजुमनों के अलावा शहर की प्रमुख अंजुमनों ने पूरी रात कर्बला के सबसे छोटे शहीद अली असगर की याद में अपने दर्द भरे कलाम पेश किया। अलविदाई मजलिस के बाद गहवारे अली असगर और अलम, ताबूत निकाला गया जिसकी जियारत के लिए हजारों लोग मौजूद रहे।
शब्बेदारी का आगाज तिलावते कलाम-ए-पाक से हुआ। शायरों ने पेशखानी नायाब बलियावी हिजाब इमामपुरी ने अपने कलाम पेश किये। सोजख्वानी हमनवा सैयद मोहम्मद मुस्लिम साहब मरहूम ने पढ़ा। मजलिस को खेताब करते हुए मौलाना सैयद ज़मीर हैदर करारी कौशांबी ने कहा कि इमाम हुसैन के सबसे छोटे बेटे जनाब अली असगर जिनकी उम्र छह माह की थी। यजीदी फौजों ने उस वक्त कर्बला के मैदान में तीर से इमाम के हाथों में शहीद कर दिया। जब वे यजीदी फौजों से इस बच्चे के लिए दो कतरा पानी पिलाने के लिए मांग रहे थे जो तीन रोज का भूखा-प्यासा था। इस दर्दनाक वाकिये को सुनकर लोग दहाड़े मारकर रोने लगे। इसके बाद मेमन सादात बिजनौर से आई अंजुमन शैदाए हुसैनी ने अपने नौहे पेश कर पूरा माहौल गमगीन कर दिया। मिसरे तरह "प्यास के माथे पर लिखा है अली असगर का नाम" व "किस जगह रोना कहां पर मुस्कुराना चाहिए" पर पूरी रात अंजुमन अब्बासिया जमालनगर उन्नाव, अंसार-ए-हुसैनी मुबारकपुर, हुसैनिया जाफराबाद जलालपुर अंबेडकरनगर, शान-ए-हैदरी कुंदरकी मुरादाबाद व शहर की प्रमुख अंजुमन ने अपने दर्द भरे नौहे पढ़कर कर्बला के सबसे कमसिन शहीद अली असगर को नजराने अकीदत पेश किया। अलविदाई मजलिस मौलाना नज़र मोहम्मद ज़ैनबी दिल्ली ने पढ़ा। इसके बाद शबीहे ताबूत अलम, झूला अली असगर निकाला गया। शब्बेदारी का संचालन जाहिद काजमी बलरामपुरी व डा. शोहरत जौनपुरी ने किया। अध्यक्ष डॉ. जौहर अली खान, सरफराज हुसैन सर्फ़न मिस्त्री, अजीज आलम, जहीर हसन, महताब हैदर, मीसम अली, शाहादुल हसन, अहमद अली प्यारे, तौकीर हसन, कुमेल मेहंदी, काजिम हुसैन, शाहिद मेहदी, अली हादी, मिर्जा वसी हैदर सहित अन्य अजादार मौजूद रहे।
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