- सुजानगंज के प्रणवम् स्कूल ऑफ चिल्ड्रन आर्ट्स में आयोजित हुआ चरण वंदन कार्यक्रम
Jaunpur Live News Network
जौनपुर लाइव न्यूज नेटवर्क
मुंगराबादशाहपुर, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र के सुजानगंज में स्थित प्रणवम स्कूल ऑफ चिल्ड्रेन आर्ट्स में शनिवार को प्रात: 10 बजे आयोजित चरण वंदन कार्यक्रम में उपस्थिति स्कूल के बच्चों एवं गणमान्य लोगों को संबोधित करते हुए तुलसी पीठाधीश्वर जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज ने कहा कि मानव जीवन का सबसे महत्वपूर्ण समय छात्र जीवन है और इस छात्र जीवन में समय बहुत ही बहुमूल्य है जिस भी व्यक्ति ने समय के महत्व को नहीं समझा उसका भविष्य सदैव अंधकार में रहता है। जिस किसी ने भी छात्र जीवन में समय का प्रबंधन ठीक रखा और समय का सदुपयोग किया आगे चलकर समय भाग्य के रूप में उसका सदैव साथ देती है और समय को महत्व देने वाला व्यक्ति अपने मानव जीवन में सदा एक सफल इंसान के रूप में प्रतिस्थापित होता है।
उन्होंने विद्यालय के बच्चों को आशीर्वाद देते हुए कहा कि वह जब छात्र जीवन में थे तो उनका एक ही मूल मंत्र था कि वह एक उच्च स्तरीय शिक्षा ग्रहण कर एक सफल इंसान बने। इसी प्रकार वह चाहते हैं कि किसी भी शिक्षा संस्थान में शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चे शिक्षा के साथ-साथ संस्कार की शिक्षा ग्रहण कर अपने मानव जीवन को सफल बनाएं। इसके पूर्व स्कूल परिसर में पहुंचने पर स्कूल के छात्र-छात्राओं द्वारा पुष्प वर्षा कर जगतगुरु का भव्य स्वागत एवं अभिनन्दन किया गया। स्कूल के प्रबंधक डॉ. प्रमोद के. सिंह एवं प्रधानाचार्य शैलजा प्रमोद ने जगतगुरु का चरण वंदन कर आरती उतारकर वैदिक रीति-रिवाज के अनुसार पूजन किया गया। इसके पश्चात क्षेत्र से आए तमाम गणमान्य लोगों एवं बच्चों के अभिभावक, विद्यालय के समस्त शिक्षक एवं शिक्षिकाओं द्वारा जगुरू स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज का माल्यार्पण कर अभिनंदन किया गया।
इस अवसर पर दिनेश ज्योतिषी, पंडित राम मनोहर त्रिपाठी, पूर्व पालिकाध्यक्ष कपिल मुनि, विजय शंकर मिश्र, अश्वनी कुमार गुप्त, पंडित श्याम शंकर पाण्डेय, दीपक शुक्ला, प्रदीप गुप्ता, चंद्रेश पाण्डेय, दिनेश गुप्ता, डॉ. दिनेश कुमार, कुलदीप पाण्डेय, विजय शंकर पाण्डेय, पवन मिश्र, खुशबू सिंह, सुनीता सोनी, सीमा पाण्डेय द्वारा जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज का माल्यार्पण कर भव्य स्वागत एवं अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर लेखन प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले सर्वोत्कृष्ट लेखन के लिए स्कूल के 20 छात्र-छात्राओं को जगदगुरु द्वारा प्रमाण पत्र देकर उनका उत्साहवर्धन किया गया।
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