Jaunpur Live : गायन और मृदंग के अद्भुत संगम से श्रोता गद्गद




  • सांस्कृतिक संध्या तबले पर दिखा उंगलियों का जादू

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के महंत अवैद्यनाथ संगोष्ठी हाल में शनिवार को आयोजित सांस्कृतिक संध्या के दूसरे दिन मृदंग, वादन और ठुमरी ने जमकर धमाल मचाया।

VC VBSPU RAJARAM YADAV


इस अवसर पर मध्य प्रदेश छतरपुर से आए मृदंगाचार्य पण्डित अवधेश महराज ने रामचंद्र रघुवंश... गीत को मृदंग की थाप पर ऐसा सुनाया कि लोग दांतों तले अंगुलियां दबाने पर मजबूर हो गए। इसके बाद उन्होंने शिव तांडव और कृष्ण तांडव को मृदंग पर ऐसी थाप दी कि पूरा हाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूँजने लगा। मृदँगाचार्य की उंगलियों का जादू हर गीत पर सिर चढ़कर बोला। पं. अवधेश जी के साथ हारमोनियम पर संगत कुलपति प्रोफेसर डॉ. राजा राम यादव ने की। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा कि मृदंग भगवान शंकर के डमरू से निकला है। उन्होंने कहा कि अगर जीवन में आनंद प्राप्त करना है तो संगीत के पास आना होगा। उन्होंने राग काफी में करत जोहार मोरे सैयां... सुनाया तो दर्शक अपनी तालियों को रोक ना सके। इसके बाद कौन गली गयो श्याम बता दे मोरा... लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसी क्रम में राग मालकोश तुम तुम तना नाना... दर्शकों को वाह-वाह करने पर मजबूर कर दिया। इसके बाद अयोध्या से आए पण्डित सत्य प्रकाश मिश्र का शास्त्रीय गायन हुआ इसमें तबले पर संगत पंडित अवधेश जी ने की। इस युगलबंदी में तबले और गायन का अद्भुत संगम देखने को मिला। उनके गीत नदिया किनारे मोरा गांव रे सांवरिया आ जइयो... ने श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। इसके बाद कथावाचक आचार्य शांतनुजी महाराज ने तीनों कलाकारों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। संचालन डॉ. मनोज मिश्र ने किया। इस अवसर पर कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल, वित्त अधिकारी एमके सिंह, प्रो. अविनाश पाथर्डिकर, प्रो. राम नारायण, डॉ. सतेंद्र प्रताप सिंह, डॉ. मनराज यादव, डॉ. वीरेंद्र विक्रम यादव, डॉ. सुरेंद्र त्रिपाठी, डॉ. विजय तिवारी, डॉ. आलोक सिंह, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. पुनीत धवन, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. सुधीर उपाध्याय, डॉ. मनीष गुप्ता आदि मौजूद रहे।
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