Jaunpur Live : गीत-संगीत में फूहडता के चलते आई है सामाजिक मूल्यों में गिरावट : तृप्ति शाक्या



Jaunpur Live News Network
जौनपुर लाइव न्यूज नेटवर्क
मुंगराबादशाहपुर, जौनपुर। सिने जगत की मशहूर पार्श्व गायक एवं हिंदी तथा भोजपुरी गीतों के माध्यम से लगभग 3 दशकों से सब के दिलों पर राज करने वाले सुरीली आवाज की धनी तृप्ति शाक्या कहा स्थानीय नगर के गुड़हाई मोहल्ले में स्थित पीसीसी सदस्य विश्वनाथ गुप्ता के आवास पर स्थानीय संवाददाताओं से बात करते हुए कहा की आज के समय में फूहड़ता परोसे जाने वाले गीत - संगीत के कारण सामाजिक मूल्य में गिरावट आई है । आज के दौर में युवा वर्ग जिस प्रकार से पाश्चात्य संस्कृति की ओर आकर्षित हो रहा है उसी में हमारे तमाम सिने जगत के लोग भी अपने व्यवसाय के चक्कर में सहयोगी बनते जा रहे हैं जिससे हमारे समाज में जहां एक और नैतिक मूल्यों में गिरावट आ रही है वही हमारी सामाजिक संरचना भी विकृति होती जा रही है साथ ही हमारी संस्कृति और सभ्यता को लोग भूलते जा रहे हैं ।

Jaunpur Live : गीत-संगीत में फूहडता के चलते आई है सामाजिक मूल्यों में गिरावट : तृप्ति शाक्या


उन्होंने कहा कि दशकों पहले मैंने टी सीरीज के साथ मिलकर भगवान श्री कृष्ण के भजन का एलबम सूट किया जिसने मुझे गीत -  संगीत की इस दुनिया में प्रसिद्धि दिलाते हुए मुझे इस मुकाम तक पहुंचाया । हिंदी और भोजपुरी क्षेत्र के संगीत प्रेमियों के दिलों पर राज करने वाली सुरों की इस देवी ने कहा कि किसी भी गीत एवं संगीत का निर्माण करते समय इस बात अवश्य ध्यान देना चाहिए कि इससे हमारे देश के युवा वर्ग , हमारी संस्कृति एवं हमारी सभ्यता पर इसका क्या असर पड़ेगा क्योंकि जो काम हमारे देश के बड़े-बड़े नेता और राजनीतिकज्ञ नहीं कर पाते वह बड़ा से बड़ा काम हमारे बॉलीवुड और सिने जगत के लोग आसानी से कर ले जाते हैं क्योंकि बॉलीवुड एवं सिने जगत को मानने वाले लोगों की संख्या देश में बहुतायत है ऐसी स्थिति में हम सभी का यह नैतिक कर्तव्य बनता है कि हम अपने गीत - संगीत एवं फिल्मों में हमेशा अपनी सभ्यता , अपनी संस्कृति एवं अपने समाज को संस्कारित एवं शिक्षित बनाने के साथ अपने युवाओं को एक सही रास्ता दिखाने के लिए कार्य करें । देश में आए दिन महिलाओं एवं बच्चियों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार एवं आपराधिक घटनाओं के बाबत पूछे जाने पर सुर सामग्री ने कहा की यह हमारे देश की विडंबना है की आजादी के लगभग 75 सालों के बाद भी हमारे देश में महिलाएं एवं बच्चियां सुरक्षित नहीं है हमारे देश की सरकारें भी बेटी बढ़ाओ बेटी पढ़ाओ का नारा तो जरूर देती हैं लेकिन उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुरक्षित और निर्भीकता का माहौल नहीं उपलब्ध करा पाती समाज के हर वर्ग ,  हर धर्म के लोगों को यह चाहिए वह हमारी प्राचीन संस्कृति एवं सभ्यता से सीख लें और महिलाओं एवं बेटियों के विषय में गंभीरता से सोचे क्योंकि हर कोई  बेटी किसी की बहन बनेगी , किसी की बहू बनेगी , किसी की पत्नी बनेगी और किसी की मां बनेगी ज़रा आप सोचिए कि यदि उसे कलंकित कर दिया जाएगा तो आगे चलकर वह जहां जाएगी वह परिवार भी तो कलंकित होगा जब तक हम पुरुष वर्ग के लोग स्वयं जागरूक नहीं होंगे और महिलाओं व बच्चियों के विषय मे गंभीरता पूर्वक नही सोचेगें तब तक महिला सुरक्षा की बात करना भी बेमानी होगी । पत्रकार वार्ता में देवी प्रसाद गुप्त , टिंकू गुप्त , गणेश गुप्त , बॉर्बी गुप्त सहित दर्जनों लोग उपस्थित रहे।
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