Jaunpur Live News Network
जौनपुर लाइव न्यूज नेटवर्क
बख्शा के मोहम्मदपुर ग्राम प्रधान पर फर्जी जाति प्रमाणपत्र लगाने का आरोप
बख्शा, जौनपुर। स्थानीय विकास खण्ड के मोहम्मदपुर गांव के प्रधान पर फर्जी जाति प्रमाणपत्र लगाकर प्रधान बन जाने की शिकायत को सही पाए जाने पर डीएम ने जाति प्रमाणपत्र निरस्त कर दिया है। शिकायतकर्ता द्वारा गुरु वार को ग्राम प्रधान पद को निरस्त करते हुए उचित कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
मोहम्मदपुर गांव निवासी मोहम्मद गुलाम बीते 26 फरवरी को डीएम से लिखित शिकायत किया कि गांव के प्रधान मोहम्मद गुफरान सामान्य जाति से आते है लेकिन गुफरान मु. रायभांट के नाम से अवैध तरीके से पिछड़ी जाति का जाति प्रमाणपत्र बनवाकर आरक्षित पिछड़ी जाति से चुनाव लड़कर ग्राम प्रधान बन गये। शिकायतकर्ता गुलाम जनसूचना अधिकारी के तहत पिछड़ी जाति की सूची मांगी तो पता चला कि मु. रायभांट पिछड़ी एवं अनुसूचित जाति में अंकित नहीं है। वैधानिक जांच के लिए जिला पिछड़ा वर्ग द्वारा चार सदस्यीय जांच टीम गठित की गई। जिसमें दोनों पक्षों की दलीलें सुनी गई लेकिन गुफरान उच्च न्यायालय का कोई भी आदेश प्रस्तुत करने में असफल रहे। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं जिला पिछड़ा वर्ग एवं उपजिलाधिकारी सदर ने जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दिया। डीएम ने मोहम्मद गुफरान का जारी अन्य पिछड़ा वर्ग जाति प्रमाणपत्र को निरस्त कर दिया। उधर शिकायतकर्ता ने डीएम को पुन: लिखित शिकायत करते हुए वर्तमान ग्राम प्रधान पद निरस्त करते हुए उचित कानूनी कार्यवाही के साथ पुन: चुनाव कराने की मांग की है।
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बख्शा के मोहम्मदपुर ग्राम प्रधान पर फर्जी जाति प्रमाणपत्र लगाने का आरोप
बख्शा, जौनपुर। स्थानीय विकास खण्ड के मोहम्मदपुर गांव के प्रधान पर फर्जी जाति प्रमाणपत्र लगाकर प्रधान बन जाने की शिकायत को सही पाए जाने पर डीएम ने जाति प्रमाणपत्र निरस्त कर दिया है। शिकायतकर्ता द्वारा गुरु वार को ग्राम प्रधान पद को निरस्त करते हुए उचित कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
मोहम्मदपुर गांव निवासी मोहम्मद गुलाम बीते 26 फरवरी को डीएम से लिखित शिकायत किया कि गांव के प्रधान मोहम्मद गुफरान सामान्य जाति से आते है लेकिन गुफरान मु. रायभांट के नाम से अवैध तरीके से पिछड़ी जाति का जाति प्रमाणपत्र बनवाकर आरक्षित पिछड़ी जाति से चुनाव लड़कर ग्राम प्रधान बन गये। शिकायतकर्ता गुलाम जनसूचना अधिकारी के तहत पिछड़ी जाति की सूची मांगी तो पता चला कि मु. रायभांट पिछड़ी एवं अनुसूचित जाति में अंकित नहीं है। वैधानिक जांच के लिए जिला पिछड़ा वर्ग द्वारा चार सदस्यीय जांच टीम गठित की गई। जिसमें दोनों पक्षों की दलीलें सुनी गई लेकिन गुफरान उच्च न्यायालय का कोई भी आदेश प्रस्तुत करने में असफल रहे। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं जिला पिछड़ा वर्ग एवं उपजिलाधिकारी सदर ने जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दिया। डीएम ने मोहम्मद गुफरान का जारी अन्य पिछड़ा वर्ग जाति प्रमाणपत्र को निरस्त कर दिया। उधर शिकायतकर्ता ने डीएम को पुन: लिखित शिकायत करते हुए वर्तमान ग्राम प्रधान पद निरस्त करते हुए उचित कानूनी कार्यवाही के साथ पुन: चुनाव कराने की मांग की है।
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